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Home›लेख-विचार›भगवान की मोहर लगाकर उन्हे मनुष्य और धरती से अलग मत करो-डाॅ निर्मल जैन *जज*

भगवान की मोहर लगाकर उन्हे मनुष्य और धरती से अलग मत करो-डाॅ निर्मल जैन *जज*

By पी.एम. जैन
October 29, 2022
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 हम उन्हे स्थान विशेष में स्थापित बिम्ब के रूप में देख रहे है, वो बिम्ब में ही नहीं सर्वत्र गोचर हैं, विदध्यमान हैं। भगवान की मोहर लगाकर उन्हे  मनुष्य और धरती से अलग मत करो। वह मां के गर्भ से पैदा हुए, अवतार नहीं लिए। वो एक अपार बुद्धि और सिद्धांतों से जन्म लेकर धरती पर चलने वाले इंसान थे।                 अपने गुणों, त्याग, तप से वे मानव से महामानव बने। उन्होंने जिस धर्म का प्ररूपण किया वो धर्म नहीं, हमारा जीवन है। उन्होंने अपने अहिंसक आचरण के द्वारा संसार को शांति की सरल राह दिखाई उनसे बड़ा गुरु, मार्गदर्शक कौन है? नासा-दृष्टि लिए नेत्रों से मन की बातें समझने, समझाने वाला उनसे बड़ा मनोवैज्ञानिक कौन है? उनका पद्मासन में स्थित रूप कामनाओं को संकुचित, सीमित करने का संकेत देने वाला और कौन है?निर्जन वनों में निर्भय हो एकाकी विचरण करने वाला अहिंसा का संदेश देने वाला उनसे बड़ा वीर कौन है। आवश्यक और अनावश्यक हिंसा में भेद कर जीवमात्र की रक्षा करने वाला, उनसे बढ़ कर ब्रहमांड का रक्षक कौन है? शाकाहार के प्रवर्तन से अच्छे स्वास्थ्य  का संदेश देने वाला उनसे बड़ा डॉक्टर कौन है? किसी को मन-वचन और शरीर से कष्ट न हो ऐसा महसूस कराने वाला ह्रदयों पर राज करने वाला उनसे बढ़ कर राजा कौन है? आत्मा के अनियंत्रित विकारों को नियंत्रित करने वाला उनसे बड़ा संयमी, प्रशासक और आत्म-विकारों का उपचार करने वाला आत्मचिकित्सक कौन है?सब जीव समान हैं, सब में एक जैसी आत्मा का वास है ऐसा संदेश देने वाले से बढ़कर समानता और सहिष्णुता का हामी कौन है? तुम्हें कोई कुछ नहीं दे सकता यहाँ तक कि मैं भी नहीं ऐसा कहने वाला निरभिमानी और अकिंचन कौन है? स्व एवं लोकोपकार के लिए अपना राजपाट, वैभव सब कुछ त्यागने वाले से बढ़ कर दाता कौन है? संसाधनों पर सबका समान अधिकार है, अनावश्यक संग्रह नैतिकता के प्रति अपराध है उन जैसा समाजवादी कौन है? वह भगवान नहीं वो सब कुछ हैं। उन्हे पूजने से बढ़ कर उनको समझना जरूरी है। वो निर्विकार है उन्हे  सांसरिक प्रक्रियाओं में जकड़ कर व्यापार का माध्यम न बनाओ, चमत्कारी का रूप न दो। भगवान की मोहर लगाकर उन्हे मनुष्य और धरती से अलग मत करो। 9810568232 जज (से.नि.) डॉ. निर्मल जैन

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