‘सांसे हो रहीं कम, आओ पेड़ लगाएं हम’ इस संदेश के साथ किया गया वृक्षारोपण




ललितपुर। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। इस उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए तथा शासन द्वारा चलाये जा रहे एक वृक्ष मां के नाम अभियान के अंतर्गत श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कारीटोरन में पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा गया। इस दौरान आम,आंवला,करोंदा,अमरूद,अशोक आदि के वृक्षों को रोपित कर पर्यावरण संवर्द्धन का संकल्प लिया गया।
अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन गाजियाबाद, राष्ट्रीय मंत्री हंसमुख गांधी इंदौर, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी उत्तर प्रदेश-उत्तरांचल के अध्यक्ष जवाहर लाल जैन, महामंत्री मनोज जैन मेरठ, उपाध्यक्ष अनिल जैन अंचल , मंत्री डॉ सुनील संचय, प्रचारमंत्री श्रीमती मीनू जैन गाजियाबाद, सांध्य महालक्ष्मी के संपादक शरद जैन दिल्ली,
पंडित सनत कुमार जैन, पंडित विनोद कुमार जैन रजवास, शिक्षक पुष्पेंद्र जैन, सुरेश बाबू जैन,अक्षय जैन अलया,श्रेष्ठी संतोष घड़ी सागर, अहार क्षेत्र के अध्यक्ष महेद्र जैन बडागांव, मनोज बंगेला सागर आदि ने वृक्षारोपण के कार्यक्रम में सहभागिता की तथा तीर्थों के विकास पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें तीर्थों के उन्नयन पर पदाधिकारियों ने अपने सुझाव, विचार रखे। अतिथियों ने कारीटोरन तीर्थ क्षेत्र पर चल रहे विकास कार्यों का अवलोकन कर समुचित सुझाव दिए।
इस मौके पर अतिशय क्षेत्र कारीटोरन के निदेशक डॉ विजय जैन,अध्यक्ष आनंदी लाल लुहर्रा, महामंत्री श्रेयांस जैन ककरवाहा, मंत्री प्रकाश चंद जैन, कोषाध्यक्ष संजय जैन भेलसी, पंडित ऋषभ जैन बड़ागांव, अरविंद जैन गौना, अवशेष जैन, कीर्ति जैन, शिक्षक राजेश जैन ने तीर्थक्षेत्र कमेटी के सभी पदाधिकारियों का माला, तिलक, पगड़ी, शाल, श्रीफल, स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
संचालन महामंत्री श्रेयांस जैन व राजेश जैन ने किया। मंगलाचरण डॉ सुनील संचय ने किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पृथ्वी का आभूषण वृक्ष हैं। वृक्ष हमें आक्सीजन देकर हमारे वातावरण को स्वच्छ रखते हैं।वर्तमान समय में विगड़ते हुए पर्यावरण को देखते हुए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की आवश्यकता है।प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिए। अपने और आने वाली पीढ़ी के जीवन को बचाने के लिए हमें वृक्षारोपण करना ही होगा।जैनदर्शन में भी पृथ्वी, जल, वायु, वनस्पति, अग्नि में जीवत्व माना गया है। सदैव इनके संरक्षण और सम्वर्द्धन की बात आचार्यों ने कही है। 
