भारत की एक मात्र सात सर्पफण,केश सहित वृषभ लांछन एवं नवग्रह से सुशोभित 9 सदी की बनारस से प्राप्त श्री महावीर जी संग्रहालय मे पू चैत्य सागर मुनिराज के आचार्य पद आरोहण दिवस (1,3,2005)पर श्री सतेंद्र चौहान जैन(बनारस)द्वारा भेंट की गई धातु की अति दुर्लभ प्रतिमा। इस संग्रहालय इसी क्रम मे कुषाण कालीन देवी अंबिका की एक दुर्लभ मृण मूर्ती भी दर्शनीय है।यह भी सतेंद्र जी के द्वारा प्रदत्त है।जिनके गोद मे बालक अंकित है।बहुत संभव है कि यह प्रतिमा और भी प्राचीन हो बनारस मे हुए नए उत्खननो से प्रमाणित हो चुकी है। श्री महावीर जी के संग्रहालय का निर्माण पद्म श्री ओ पी अग्रवाल जी (इनटेक) की प्रेरणा एवं सहयोग से हुआ था।