महामहिम राष्ट्रपति जी ने भव्य इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का किया उद्घाटन
नई दिल्ली -: (अक्टूबर) महामहिम राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी ने को लखनऊ में आयोजित भव्य इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का विधिवत् उद्घाटन किया। इस मौके पर यूपी के राज्यपाल श्री राम नाईक जी, सीएम श्री योगी आदित्यनाथ जी, डिप्टी सीएम श्री दिनेश शर्मा, विज्ञान भारती के अध्यक्ष विजय भटकर जी समेत मंत्रालय के विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह में शामिल होने और भव्य बनाने के लिए सभी को अभिनंदन और बधाई।
इस मौके पर मैंने कहा कि विदेशी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से मुलाकात के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि हमारे #वैज्ञानिक और संस्थाएं किसी से कम नहीं हैं।विश्व की 1209 संस्थानों में #CSIR का नौवां स्थान है जबकि #ScienctificPublication में छठे और #NanoTechonology में तीसरे स्थान समेत हमारी कई उपलब्धियां हैं। #TusmaniWarningSystems में भारत का विश्व में पहला स्थान है।
इस मौके पर राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी ने कहा कि #विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है। विज्ञान भारत की संस्कृति में है। हरित क्रांति से लेकर #अंतरिक्ष कार्यक्रम तक सब विज्ञान की ही देन है। उन्होंने कहा कि हम ‘जुगाड़ टेक्नालॉजी’ का उन्नयन कर उसे सही वैज्ञानिक पहचान दे सकते हैं।
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी ने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच 649 भारतीय वैज्ञानिक विदेशों से भारत में बढ़ते अवसरों को देखते हुए अपने घर वापस लौट आए हैं। वर्ष 2017 में भारत के #पेटेंट आवेदन बढ़कर 909 हो गए हैं।
#इंडियाइंटरनेशनलसाइंस-फेस्टिवल में मंच पर आये हुये अतिथियों को तुलसी का पौधा भेंट किया गया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तुलसी धैर्य और शांति का प्रतीक है। साथ ही यह कहा जाता है कि जिस आंगन में तुलसी होती है, वहां बीमारी नहीं होती है। उन्होंने भारत की पारंपरिक शिक्षा पद्धति में विज्ञान के महत्व की बात सामने रखी और कहा कि शुरू से भारत की शिक्षा पद्धति में विज्ञान का प्रमुख स्थान रहा है।