दिल्ली में फ्री सोलर प्लांट लगायें और 1 रु.प्रति यूनिट बिजली पायें
नई दिल्ली-: दिल्ली सरकार की यह स्कीम कॉपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के साथ-साथ इंडिविजुअल हाउस पर लागू होगी। इस सोलर स्कीम को “मुख्यमंत्री सोलर पावर स्कीम” नाम दिया है।
सूत्रों के मुताबिक उपरोक्त स्कीम के अंतर्गत रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (RESCO) मॉडल पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। जिसके तहत एक कम्पनी किसी भी घर की छत पर रूफटॉप सोलर पैनल अपनी लागत पर लगाएगी और फिर घर को सब्सिडाइज्ड रेट पर बिजली सप्लाई करेगी। कम्पनी बाकी बिजली ग्रिड के माध्यम से कमर्शियली बेच भी सकती है।
दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंद्र जैन ने मीडिया को बताया कि कम्पनी को 55 हजार रुपए से लेकर 60 हजार रुपए प्रति किलोवाट का खर्च भुगतान करना पड़ेगा। कम्पनी एक घर की छत पर 5 किलोवाट का प्लांट लगती है तो कम्पनी को लगभग 2.5 लाख से लेकर 3 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा ।
मंत्री सतेंद्र जैन के मुताबिक, जिन घरों की छत पर प्लांट लगाया जाएगा, उन्हें केवल 1 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल भरना होगा। मतलब सोलर प्लांट से जनरेट बिजली की जितनी खपत घर में होती है, उसका 1 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। जबकि 2 रुपए प्रति यूनिट की दर से दिल्ली सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान सरकार की जनरेशन बेस्ड सब्सिडी स्कीम के तहत किया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने सोलर प्लांट स्कीम में यह भी व्यवस्था रखी है कि छत पर सोलर प्लांट लगा होने के बाद भी मकान मालिक छत का इस्तेमाल कर सकें। दरअसल, पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि कम्पनी जो सोलर पैनल लगाएगी, वह कम से कम 8 फुट ऊँचे होने चाहिए, ताकि उस पैनल के नीचे का हिस्सा इस्तेमाल हो सके।
बता दें कि रूफटॉप सोलर प्लांट्स लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कई तरह के मॉडल तैयार किये हैं। इनमें से एक RESCO है। अगर दिल्ली में यह मॉडल सफल रहता है तो दूसरे राज्यों में भी इस मॉडल के अंतर्गत रूफटॉप सोलर प्लांट्स लगा सकते हैं।