रावण संहिता के अनुसार धन प्राप्ति का अचूक उपाय
नई दिल्ली -: रामायण में रावण को एक खलनायक के रूप में दर्शाया गया है, जिसका संहार करने स्वयं भगवान को श्रीराम रूप में अवतार लेना पड़ा था | लेकिन यह भी यथार्थ सत्य है कि रावण से बड़ा प्रकाँड विद्वान आज तक कोई दूसरा इस पृथ्वी पर नहीं जन्मा है | कहा जाता है कि उसने अपने पराक्रम और बुद्धिमता के बल पर तीनों लोकों में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया था|
रावण महादेव का परम भक्त था | उसने अपनी कठोर तपस्या के बल पर महादेव को प्रसन्न कर लिया था और महादेव द्वारा दिये गये अनमोल ज्ञान को अपनी पुस्तक रावण संहिता में उतार दिया था | इस पुस्तक में पृथ्वी पर जन्मे अब तक समस्त प्राणियों के भूत, भविष्य एवं वर्तमान की सारी जानकारी है| यह जानकारी इतनी सटीक होती है कि आज का विज्ञान इसके आसपास भी नहीं पहुँच सका है | रावण ने रावण संहिता में विभिन्न समस्याओं के समाधान
बतलाऐं हैं | इस पुस्तक में दी गयी धन प्राप्ति की विधि का वर्णन इस तरह है जिन्हें करने से जीवन में धन प्राप्ति के योग प्रबल हो सकते हैं|
धन प्राप्ति की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को अपने सभी भौतिक कर्मों के साथ यह उपाय अवश्य करना चाहिए | सुबह उठकर नित्य क्रियाओं को करने के बाद स्नान करना चाहिए | इसके बाद व्यक्ति को किसी शाँत वातावरण में जाकर पीपल के वृक्ष के नीचे आसन ग्रहण करना चाहिए | बैठने के पश्चात रुद्राक्ष की माला लेकर ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा मन्त्र का 1008 बार जाप करें | इस क्रिया को लगातार 21 दिनों तक करें, जिसके बाद यह मन्त्र व्यक्ति के माफिक हो जाएगा और दिमाग तीव्रता से निर्णायक बन जायेगा| जिससे व्यक्ति सही दिशा में सही निर्णय लेकर मेहनत करेगा और जीवन में चारों तरफ से धन प्राप्ति के योग स्वतः ही बनने लगेंगे|