धर्म-कर्म
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उपदेश वही सार्थक जिसका स्वयं के जीवन के साथ सीधा तालमेल हो -महावीर
महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव उपदेश वही सार्थक जिसका स्वयं के जीवन के साथ सीधा तालमेल हो –महावीर डॉ निर्मल जैन (से.नि.न्यायाधीश) सभी धर्मों का प्रारंभ ... -
शांति, शाश्वत आनन्द के लिए सभी पूर्वाग्रहों, दुराग्रहों से मुक्त हों -महावीर, डॉ. निर्मल जैन (से.नि.न्यायाधीश)
तीर्थंकर महावीर का निर्वाण कल्याणक महोत्सव अहिंसा और अपरिग्रह के आलोक में जीव, दया, करुणा समेटे समानता और शांति के ऐसे उजाले की कल्पना है जो ... -
सम्प्रदायवाद,जातिवाद से दूर सभी संत,पंथ को स्वीकार्य धर्म के दशलक्षण-डॉ निर्मल जैन (से.नि.) जज
धार्मिक जीवन व्यक्ति का आंतरिक जीवन है। धर्म से उसका अंत:करण निर्मल होता है। अंतःकरण की निर्मलता का मुख्य हेतु है –मैत्री। यह मैत्री भावना ... -
*दिव्य मंत्र महाविज्ञान*
जिन लोगों को मंत्रों पर भरोसा न हो, वे मात्र दस दिन तक रोजाना केवल ‘ ऊँ ’ का मंत्र 50 माला रोज जपें। ... -
*जैन मंदिर में आयोजित हुआ विधान व वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव*
*•भगवान पार्श्वनाथ का हुआ भव्य महामस्तकाभिषेक* *पटना सिटी:27 अगस्त* हाजीगंज लंगूर गली स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में रविवार को यागमण्डल विधान व ... -
तिलक (टीका) हाथ की किस उंगली से किसका करें- संकलन* पारसमणि जैन*ज्योतिष विचारक* दिल्ली
*♦️ तिलक ( टीका ) ♦️* हमारे सनातन धर्म की पूजा-पद्धति में तिलक का विशेष महत्व है। बिना तिलक धारण किए कोई पूजा सफल ... -
दिगंबर जैन मंदिर में नवरात्रि महापर्व का आगाज, कलश स्थापना के साथ।
इंदौर:-(22 मार्च) गुड़ी पड़वा हिंदू नव वर्ष, के साथ नवरात्रि महापर्व प्रारंभ हो गया है इस अवसर पर मां पद्मावती की आराधना शांतिनाथ दिगंबर ... -
भगवान महावीर के 2549 वे निर्वाणोत्सव(दीपावली)पर विशेष:दीपमालिकायें केवलज्ञान की प्रतीक,करें अंतःकरण प्रकाशित-डॉ सुनील जैन संचय,ललितपुर(उ.प्र )
भगवान महावीर स्वामी का 2549 वां निर्वाणोत्सव देश-विदेश में श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान महावीर जैन धर्म के वर्तमानकालीन 24वें ... -
समय की आराधना के साथ सम्पन्न हुआ समयसारोपासक साधना संस्कार शिविर
विदिशा। परम पूज्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य प . पू . मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य ... -
जिसके दिल में क्षमा, वह सबके दिल में जमा-आचार्य अतिवीर मुनि
परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने क्षमावाणी महापर्व की व्याख्या करते हुए कहा कि क्षमा मांगने की वस्तु नही बल्कि धारण ...