🙏👉”शारदे नमस्कार करता हूँ बार-बार, ज्ञान का तो वरदान एक बार चाहिए!!👉माता जगमाता है तू, भाग्य की विधाता है तू, तेरा मात प्यार मुझे बार- बार चाहिए!!
👉कंठ और लेखनी में, हो जा तू विराजमान, माथे पे तो हाथ मात बार- बार चाहिए और पारस तो है तेरा दास उससे ना हो उदास, ज्ञान तो अधूरा मात केवल ज्ञान चाहिए!!”
आज 10 फरवरी को बसंत पंचमी का दिन है जो ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है| इस दिन माँ सरस्वती की पूजा -पाठ का विधान शास्त्रों में वर्णित है| माता सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहा जाता है| भारतीय मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है. इस दिन स्नान का भी खास महत्व माना जाता है लेकिन बसंत पंचमी के दिन कुछ कार्यों को वर्जित माना जाता है इसलिए इस दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए| जैसे👇
1👉बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का अधिक महत्व होता है इस दिन भूलकर भी काले और लाल रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए|
2👉इस दिन मांस -मदिरा, लहसुन प्याज आदि जैसे अभक्ष्य का सेवन नहीं करना चाहिए,केवल सात्विक भोजन ही करें|
3👉बसंत पंचमी फसल और हरियाली का त्योहार है, इस दिन कभी भी जानबूझ कर फसल नहीं काटना चाहिए. इस दिन घर में मौजूद पेड़ों को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुँचना चाहिए|
4👉बसंत पंचमी के दिन स्नान किये बिना कोई भी कार्य आरम्भ नहीं करना सुबह उठकर सबसे पहले स्नान आदि करके माँ सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा -पाठ करनी चाहिए|
5👉आज बसंती पंचमी के दिन क्रूर से क्रूर व्यक्ति को भी क्रोध नहीं करना चाहिए क्योंकि अनावश्यक क्रोध बुद्धि को खत्म कर देता है अर्थात अपनी वाणी पर काबू रखें| अनजाने में भी किसी दूसरे का अपमान न करें, दूसरों के साथ साथ स्वयं के लिए भी कुछ अशुभ व गलत वाक्य मुख से नहीं निकालने चाहिए|