नई दिल्ली- युवाओं को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करने वाला माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभियान “आत्मनिर्भर भारत एवं वोकल फोर लोकल” जैसे प्रयासों को दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में चल रहा इंस्पेक्टर राज क्या सफल होने देगा?
वहीं युवाओं के लिए दिल्ली की कुछ बैंक👉 क्या बेरोजगार युवाओं को लोन देकर या शीघ्रता से उनका खाता खोलकर आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध हो रहीं हैं?.
हम बताते हैं👉दिल्ली में “कागजी ढ़ोल की पोल”– देश की राजधानी दिल्ली के ही कुछ क्षेत्रों में बैंक व व्यापार सम्बन्धित जरूरी सरकारी लाइसेंसिग विभाग के कुछ गणमान्य व्यक्ति हैं, इन चंद व्यक्तियों को “दान-दक्षिणा दिये बिना, युवाओं द्वारा लगाई गई “लोन की फाइल हो या जरूरी लाइसेंस की फाइल, सब कूड़े के ढेर के समान होती हैं!
भारत में एक शब्द विश्वविख्यात है जिसका नाम है-“जुगाड़” इस जुगाड़ की सर्च-रिसर्च के लिए विश्वभर के विद्वानगण भी हैरत में पड़े हुए हैं क्योंकि यह जुगाड़ शब्दावली का इकलौता वह एक शब्द है जो ना जाने कहाँ और ना जाने किस वस्तु या इंसान पर फिट हो जाए, कहा नहीं जा सकता||
देश की राजधानी जहाँ से सम्पूर्ण देश की संचालन व्यवस्था व्यवस्थित की जाती है लेकिन यहाँ पर भी कुछ सरकारी विभाग, बैंक या अस्पताल की ओर नजर दौड़ाऐं तो पता चलता है कि राजधानी दिल्ली में भी कुछ क्षेत्रों के विभाग ऐसे हैं जहाँ जुगाड़ अर्थात रिश्वतखोरी के बिना सफलता पाना असंभव सा प्रतीत होता है|
देश की राजधानी दिल्ली प्रदेश के सिरताज माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी हैं जोकि एक कर्मठ और ईमानदार व्यक्ति भी हैं लेकिन उनकी नगरी में भी कुछ विभागों में उच्चपदों पर जुगाड़ से जुड़े कुछ जुगाडी गणमान्य व्यक्ति मौजूद हैं जिनके करकमलों द्वारा शीघ्रता से बिना जुगाड के कोई “लीगल कार्य” भी करवाना असंभव सा ही है क्योंकि यह जुगाडू गणमान्य, बिना जुगाड के सरकारी कागजी कार्यवाही के अन्तर्गत आत्मनिर्भरता हेतु उत्सुक युवाओं को इतने चक्कर लगवाते या प्रतीक्षा करवाते हैं और कुछ गणमान्य तो ऐसे डरावने उदाहरण देंगे जिसके कारण आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर होने वाले युवाओं का मनोबल स्वत: ही टूटने लगता है|
“क्या दिल्ली में “कागजी ढ़ोल की पोल” के तहत मनमानी करने वाले इंस्पेक्टर राज के चलते मेरा देश कभी आत्मनिर्भर भारत बन सकता है?”
देश की राजधानी दिल्ली में सैकड़ों लोग इसी जुगाड और कुछ विभागों में जिम्मेदार पदों पर मौजूद जुगाडू गणमान्य व्यक्तियों से परेशान हैं अगर ढूँढने निकले तो “आत्मनिर्भर अभियान के नाम पर इंस्पेक्टर निर्भरता से ग्रस्त हैं देश की राजधानी दिल्ली के बेरोजगार युवा!