यह सस्ते उपरत्न भी होते हैं प्रभावशाली
जन्मकुण्डली के ज्योतिषीय समाधान के लिए कई बार उपाय के तौर पर रत्न पहनने की सलाह दी जाती है! वैसे ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से मुख्य रूप से नौ रत्न बताए गए हैं परन्तु यह रत्न काफी महंगे होते हैं और इनका नकली होने का भी डर रहता है। इसके लिए रत्नों के स्थान पर उपरत्न भी पहने जाते हैं जो सस्ते भी होते हैं और कारगर भी होते हैं । इसलिए आपको रत्नों के उपरत्नों के बारे में बताते हैं इनमें
क्या अंतर होता है| रत्न और उपरत्न में मुख्य अंतर यही है कि रत्न शीघ्र और लम्बें समय तक काम करते हैं जबकि उपरत्न उनकी तुलना में धीरे और कम समय के लिए प्रभावशाली होते हैं।
एक ग्रह के लिए मुख्य रूप से एक रत्न और कई सारे उपरत्न होते हैं! सही उपरत्न का चुनाव करके धारण किया जाए तो निश्चित लाभ होता है|
सूर्य-:
* सूर्य का मुख्य रत्न माणिक्य है। इसके स्थान पर तामड़ी, लालड़ी , लाल तुरमली और गार्नेट भी पहन सकते हैं।
*माणिक्य का सबसे अच्छा उपरत्न “स्पाइनल” होता है। इसे अनामिका अंगुली में ताम्बे में धारण करना चाहिए।
चन्द्रमा -:
* चन्द्रमा का मुख्य रत्न मोती है। मोती के उपरत्न मून स्टोन और ऐगेट हैं।
* मोती के स्थान पर चांदी में मूनस्टोन धारण करना सबसे ज्यादा उत्तम होता है।
मंगल -:
* मंगल का मुख्य रत्न मूंगा है। मूंगे का उपरत्न लाल हकीक है । इसे ताम्बे में धारण कर सकते हैं।
बुध-:
* बुध का मुख्य रत्न पन्ना है। पन्ने के उपरत्न हरा बैरुज , ओनेक्स , मरगज होते हैं।
* हालांकि इसका सबसे अच्छा उपरत्न मरगज माना जाता है इसे चांदी में धारण करना शुभ होता है।
बृहस्पति-:
* बृहस्पति का मुख्य रत्न पीला पुखराज होता है। इसके उपरत्न पीला बैरुज , सुनहला , येलो सिट्रीन होते हैं।
*पीला बैरुज सबसे अच्छा उपरत्न है। इसे पीतल,अष्टधातु या सोने के साथ पहना जाता है|
शुक्र -:
* शुक्र का मुख्य रत्न हीरा है। हीरा काफी महंगा होता है इसलिए आप इसकी जगह इसके उपरत्न अमेरिकन डायमंड और ओपल भी पहन सकते हैं।
* इनमे ओपल सबसे अच्छा उपरत्न है। इसे चाँदी में धारण करना चाहिए।
शनि -:
* शनि का मुख्य रत्न नीलम हैं। नीलम के उपरत्न नीली,नीला टोपाज, कटैला, लाजवर्त,तंजनाईट और सोडालाइट हैं।
* लेकिन इसका सबसे अच्छा उपरत्न तंजनाईट माना जाता है। इसे चाँदी में धारण करने की सलाह दी जाती है।