बुलन्दशहर हिंसा के दौरान शहीद हुए जिला एटा के लाल इंस्पेक्टर सुबोध कुमार राठौर
नई दिल्ली -:3 दिसम्बर!! बुलन्दशहर में गोरक्षा के नाम पर मचे बवाल ने एटा के लाल की जान ले ली। बुलन्दशहर बवाल के दौरन शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के जैथरा थाना के अन्तर्गत आने वाले गाँव परगवां में ही मातम नहीं पसरा बल्कि पूरे जनपद एटा में भी शोक की दु:खद लहर है। यहाँ पर जो भी सुबोध कुमार से मिल चुका है वह उनकी तारीफ कर रहा है।
बता दें कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पिता राम प्रकाश भी पुलिस में थे। कई वर्ष पहले उनकी नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अनुकंपा के आधार पर सुबोध कुमार की पुलिस में भर्ती हुई। सुबोध कुमार पिछले वर्ष तब गाँव पहुँचे थे जब उनकी माँ का देहांत हो गया था। इसके बाद उनका गाँव में आना नहीं हुआ लेकिन वह गाँव के कई लोगों को फोन करके घर व गाँव वालों का हालचाल लेते रहते थे। सुबोध कुमार के बड़े भाई अतुल कुमार आर्मी से रिटायर्ड हैं। फिलहाल वह दिल्ली में सिक्योरिटी कम्पनी में नौकरी करते हैं। इसके अलावा सुबोध कुमार अपने पीछे पत्नी रजनेश, दो बेटे सरोज (20) और सोनू (17) को छोड़ गये हैं।
गाँव में अब सुबोध कुमार के दो सगे चाचा रहते हैं। इनमें से एक का नाम रक्षपाल उर्फ घूरे व दूसरे का नाम रामनिवास है। गाँव के लोगों का कहना है कि सुबोध कुमार जब भी गाँव आते थे तो बच्चों से पढ़ाई के बारे में जरूर चर्चा करते। उनका सपना था गाँव का हर बच्चा अच्छे से पढ़े लिखे और बड़े-बड़े पदों पर जाये। वह कहते थे कि यह बच्चे गाँव का नाम रौशन कर सकते हैं।