सभी परीक्षाऐं पास करने बाद ही, कहलने योग्य होते हैं नागा साधु -चीफ गवर्नर
प्रयागराज-: 4फरवरी!! उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ के दौरान हजारों की संख्या में नवयुवक नागा साधु भी बने हैं। इस महाकुम्भ में पिछले कुछ दिनों में नागा साधु बनने के वास्ते दीक्षा समारोह चल रहा था जिसके अन्तर्गत हजारों युवाओं ने अपने सिर का मुंड़न कराके अपना ही पिंडदान किया। सूत्रों के अनुसार पूरी रात अग्नि देवता की पूजा-पाठ की गई और दीक्षार्थियों को प्राचीन हिन्दू परम्परा के अनुसार नागा साधु बननें की परम्परा निभाई गई।
दीक्षा समारोह में आश्चर्य चकित करने वाला दृश्य यह था कि इन दीक्षार्थियों में अधिकाँश लोग इंजीनियर और ग्रेजुएट किये हुए थे|
अधिक जानकारी के अनुसार -विशेष तौर अचम्भा भरा दृश्य जब था जब नागा साधु बनने आये 27 वर्षीय रजत कुमार राय ने कहा कि उन्होंने कच्छ से मरीन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया है। इसके लिए उन्हें अच्छी खासी सैलरी मिलती लेकिन उन्होंने संसारिक संसाधनों का त्याग कर नागा साधु बनना उचित समझा,वहीं नवदीक्षार्थी नागा साधु बने 29 वर्षीय शम्भु गिरी यूक्रेन से मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं इसके अतिरिक्त 18 वर्षीय घनश्याम गिरी उज्जैन से12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की टॉपर लिस्ट में सम्मलित हैं।जानकारी के लिए बता दें कि इन सभी नवदीक्षित नागा संन्यासियों ने महामंडलेश्वर संन्यासियो के साथ सोमवार “मौनी अमावस्या” के मौके पर शाही डुबकी लगाई है और धूना के सामने बैठकर “ऊँ नम:शिवाय:” मंत्र के अतिरिक्त गुरू प्रदत्त मंत्र का जप किया|
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि प्रयागराज में इस महाकुम्भ के दौरान 10 हजार पुरुषों सहित महिलाओं ने भी आत्मकल्याण के वास्ते नागा साधु बनने की दीक्षा ग्रहण की है। आपको बता दें कि – अखिल भारतीय अखाड़ा परीषद के अंतर्गत यह पुण्यात्मा लोग नागा साधु बनते हैं यह परिषद भारत में हिंदू साधु-संतों का सर्वोच्चतम संगठन है।
अधिक प्राप्त जानकारी के अनुसार जूना अखाड़ा के चीफ गवर्नर और परिषद के जनरल सेक्रेटरी महंत हरि गिरी जी का कहना है कि दीक्षा समारोह केवल महाकुम्भ के दौरान ही होता है जिसके अन्तर्गत हर बार इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या हजारों में होती है आगे उन्होंने बताया कि नागा साधु बनने के लिए बैकग्राउंड कैसा भी हो अर्थात जाति, धर्म, रंग चाहे जो भी हो लेकिन व्यक्ति वैराग्य की तीव्र इच्छा रखने वाला होना चाहिए| तीव्र इच्छा और वैराग्य के प्रति दृढ़संकल्पित व्यक्ति ही नागा साधु बनने के योग्य माने जाते है।
बताया जा रहा है कि इस तथाकथित प्रकरण में कई मुस्लिम, ईसाई और बाकी धर्मों के लोग भी स्वीकार किये गये हैं और वह व्यक्ति भी सम्मलित हैं जो पहले डॉक्टर और इंजीनियर रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार आगे की जानकारी देते हुए अखाडा परिषद के चीफ गवर्नर और जनरल सेक्रेटरी ने बताया कि एक बार जो व्यक्ति अखाड़े का हिस्सा बन जाता है तो उसके लिए रास्ता और कठिन हो जाता है। कुछ सालों तक उम्मीदवारों की जाँच -पड़ताल की जाती है जैसे कि वह अपनी इच्छा से यहाँ रह रहे हैं या फिर किसी संकट से बचने के लिए यहाँ पर आये हैं। जब वह सभी परीक्षाएें उत्तीर्ण (पास) कर लेते हैं और हमें संतुष्ट करते हैं, तभी वह नागा साधु कहलाने के योग्य होते हैं।