मिशन शक्ति और भारत की भूमिका-गरिमा सिंह
डा. जी सतीश रेड्डी “चीफ मिसाइल वैज्ञानिक भारत” के साथ गरिमा सिंह “डिप्टी एडिटर” आज और कल (मासिक पत्रिका) एवं पी.एम. जैन “चीफ एडिटर “पारस पुँज (मासिक समाचार पत्र)
डा. जी सतीश रेड्डी “चीफ मिसाइल वैज्ञानिक भारत” के साथ गरिमा सिंह “डिप्टी एडिटर” आज और कल (मासिक पत्रिका) एवं पी.एम. जैन “चीफ एडिटर “पारस पुँज (मासिक समाचार पत्र)
नई दिल्ली 16 अप्रैल – अम्बेडकर इंटरनेशनल सेण्टर जनपथ नई दिल्ली में मिशन शक्ति और भारत की सुरक्षा एवं भूमिका को लेकर एक सेमिनार का आयोजन 16 अप्रैल को किया गया था।
इस सेमिनार का आयोजन फोरम फार इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी और विज्ञान भारती के द्वारा सुंयक्त रूप से किया गया था।
आयोजित सम्मेलन के मुख्य अतिथि और वक्ता DRDO के चेयरमैन डॉ.जी सतीश रेड्डी थे।
इस सेमिनार में वायुसेना अधिकारियों ने भी भाग लिया था। इसके अलावा दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के छात्र -छात्राओं एवं मिडिया से जुड़े पारसमणि जैन,प्रमोद कौशिक,दिनेश भारती, भानु प्रताप सिंंह सहित, मीड़िया से अनेक गणमान्य मौजूद रहे साथ ही साथ विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के लोगो ने भाग लिया।
इस सेमिनार का मुख्य उददेश्य लोगो को मिशन शक्ति बारे में बताना और लोगो में स्वाभिमान एवं सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना रहा।
डॉ. जी सतीश रेड्डी ने अपने उदबोधन में मिशन शक्ति पर प्रकाश डालते हुये बताया कि मिशन शक्ति भारत की सुरक्षा को मजबूत बनाने लिए उठाया गया एक कदम है।
मिशन शक्ति के माध्यम से दुनिया को बताना चाहते है कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में मह्त्वपूर्ण ताकत बन चुका है और उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है।
मिशन शक्ति के माध्यम से भारत ने अंतरिक्ष में किसी भी सैटलाइट को मिसाइल से मार गिराने की क्षमता को प्राप्त कर लिया है और विश्व का चौथा देश बन गया।
इससे भारत को यह लाभ होगा कि उसके सैटलाइट को किसी भी देश द्वारा अब डिस्टर्ब नहीं किया जा सकता है क्योकि अब हमारे पास यह क्षमता आ चुकी है कि किसी भी प्रकार के सैटलाइट को हम ध्वस्त कर सकते है परन्तु इससे भी बड़ा लाभ भारत को जब होगा “जब भविष्य में कभी अंतरिक्ष को लेकर कोई सुरक्षा समझौता संधि होगी” तो उस समय भारत भी वार्ताकारो में एक साथ होगा और तब हमारे देश की सलाह और उसके दृष्टिकोण की मह्त्वपूर्ण भूमिका भी होगी।
मिशनशक्ति ने अन्तर्राष्ट्रीय जगत में भारत की एक अलग पहचान बनाई है।
मिशनशक्ति के माध्यम से भारत विश्व को यह सन्देश देने में सफल रहा है कि भारत अपनी सुरक्षा और स्वाभिमान की रक्षा के लिए सभी प्रकार के कदम उठाने में सक्षम है और वह दबाव में आकर अपने नीतिगत निर्णय में बदलाव नहीं ला सकता।
मिशन शक्ति की सफलता बाद जिस तरह से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भारत का साथ देते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है उससे स्पष्ट संकेत जाता है कि अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय इसको लेकर न खुश नहीं बल्कि उसने भारत के प्रति अपनी सकरात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अंतर्राष्ट्रीय जगत का नजरिया भारत के प्रति अब बदल चुका है।
मिशन शक्ति भारतीय वैज्ञानिको के त्याग, समपर्ण और लगन का एक सुपरिणाम है|
मिसाइल मैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने अपने उद्धबोधन में कहा कि रक्षा ,विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में हम इससे भी कुछ और बड़ा चाहते है ,जो दुनिया में पहली बार हुआ हो और दुनिया भारत को इस लिए याद करे या भारत के महत्व को समझे कि इस तकनीकी या उपकरण या हथियार या सैटलाइट का निर्माण भारतीयों ने किया है और यह विश्व समुदाय को भारतीयों द्वारा दिया गया उपहार है। -गरिमा सिंह