मकान-दुकान इत्यादि की नींव खोदते समय दिशाओं का महत्वपूर्ण ज्ञान
मकान-दुकान इत्यादि की नींव खोदने से पहले हमें दिशाओं का महत्वपूर्ण ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है इसके लिए हम आपको बताते हैं कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ👇👇👇
ज्येष्ठ,आषाढ़ या श्रावण माह में नींव की खुदाई करनी हो तो खुदाई का प्रारम्भ नैऋत्य कोण अर्थात “दक्षिण -पश्चिम” दिशा से करना चाहिए |
भादों, क्वार या कार्तिक माह में नींव की खुदाई करनी हो तो खुदाई का प्रारम्भ आग्नेय कोण अर्थात “पूर्व-दक्षिण” दिशा से करना चाहिए |
अगहन, पौष या माघ माह में नींव की खुदाई करनी हो तो खुदाई का प्रारम्भ ईशान कोण अर्थात “उत्तर-पूर्व” दिशा से करना चाहिए |
फाल्गुन, चैत्र या वैशाख माह में नींव की खुदाई करनी हो तो खुदाई का प्रारम्भ वायव्य कोण अर्थात “उत्तर-पश्चिम” दिशा से करना चाहिए |
मकान-दुकान इत्यादि की नींव में रखने योग्य वस्तुऐं-

2:-नींव में नाग-नागिन के मुख के लिए विशेष ज्ञान :-
(क) भादों, क्वार, कार्तिक माह में भवन निर्माण हो तो सर्प का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए |
(ख) फाल्गुन, चैत्र, वैशाख माह में भवन का निर्माण हो तो सर्प का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए |
(ग) ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण माह में भवन का निर्माण हो तो सर्प का मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए |
(घ) अगहन, पौष, माघ माह में भवन का निर्माण हो तो सर्प का मुख दक्षिण दिशा में होना चाहिए |