सातवां अखिल भारतीय जैन बैंकर्स कॉन्फ्रेंस सफलता पूर्वक सम्पन्न हुकुमचंद नहीं करमचंद बनें : आचार्य श्री ज्ञानसागर जी
तिजारा, अलवर। राजस्थान प्रान्त में स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र तिजारा जिला अलवर की पावन धरा पर प्रशांतमूर्ति आचार्य 108 श्री शांतिसागर जी छाणी महाराज के समाधि हीरक महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में परम पूज्य सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के पावन सानिध्य में अखिल भारतीय जैन बैंकर सम्मेलन
13-10-2019 (रविवार ) को सफ़लता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। इसके बाद श्री चंद्रप्रभु भगवान के चित्र का अनावरण, दीप प्रज्वलन, गुरुवर के पाद प्रक्षालन और शास्त्र भेंट किया गया l
सर्वप्रथम श्री सोम प्रकाश जैन , मुख्य संयोजक ने सम्मेलन में पधारे सभी अतिथियों एवं सदस्यों का स्वागत किया उसके उपरांत श्री जे के जैन वैशाली राष्ट्रीय महासचिव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य श्री ज्ञानसागर जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से अखिल भारतीय भारतीय जैन बैंकर फोरम जिसका प्रादुर्भाव 2013 में दिल्ली से हुआ था आज उसकी भारतीय स्तर पर 23 शाखाएं हैं जो कि कर्नाटका से लेकर कोटा राजस्थान , उत्तरांचल में देहरादून, मध्य प्रदेश में भोपाल जबलपुर , बुंदेलखंड में ललितपुर, उत्तर प्रदेश में आगरा, मुजफ्फरनगर , गाजियाबाद , दिल्ली में ईस्ट दिल्ली आदि शाखाएं खोली जा चुकी हैं निकट भविष्य में अलवर, जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा वेस्ट दिल्ली आदि स्थानों पर बैंकर्स फोरम की शाखाएं खुलने जा रही हैं। इस सम्मेलन का एक ही लक्ष्य है कि हम सभी बैंकर साथियों का लाभ जैन समाज को अधिक से अधिक प्राप्त हो l साथ ही हमारी शाखाएं शिक्षा, चिकित्सा एवं सेवा, बैंकिंग समस्याओं के समाधान आदि अनेक क्षेत्र में अनेक प्रकार के कार्य वर्तमान में हमारी सभी शाखाएं कर रही हैंl
श्री के के जैन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्यश्री के बेंगलुरु में सन 2010 में वर्षायोग से ही हमारे अंदर गुरुओं के प्रति, धर्म के प्रति श्रद्धा का दीप जला है और आज भी वह जल रहा है। इस वर्ष छाणी महाराज का समाधि हीरक महोत्सव वर्ष चल रहा है हम सभी जो भी कार्य करें उनके बैनर तले करें। शाखाओं के कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने विशेष रूप से कहा कि हमारी शाखाओं द्वारा कड़कड़ाती सर्दियों में रात्रि के 12:00 बजे सड़क पर पड़े मरीजों, यात्रियों एवं बेसहारा व्यक्तियों के ऊपर कंबल डालना एक निस्वार्थ सेवा को दर्शाता है जो कि एक मिसाल है l
श्री पवन कुमार जी अध्यक्ष देहरा तिजारा ने कहा कि क्षेत्र पर आए आप सभी महानुभावों का हार्दिक स्वागत करता हूं।
इस अवसर पर फोरम द्वारा वरिष्ठ जैन बैंकर श्री सुंदरलाल जैन 92 वर्ष गाजियाबाद एवं श्री पुष्प जैन जी गुड़गांव 82 वर्षीय को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संघस्थ ब्रह्मचारिणी अनीता दीदी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाहर के बैंक में आप जो दौलत रखते हैं वह तो लुट भी सकती है पर हमारी आत्मा का जो बैंक है इसमें अनंत चतुष्टय रूपी शाश्वत सम्पति है। बाहर के बैंक की जानकारी आप सभी दे रहे हैं पर अंदर के बैंक की जानकारी पूज्यश्री देंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए पंजाब बैंक के महाप्रबंधक श्री पुनीत जैन जी ने बताया कि आने से पूर्व फोरम के प्रति उनकी भावना बहुत अच्छी नहीं थी परंतु यहां इसमें भाग लेकर जैन बैंकर फोरम द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी जो कि फोरम के महासचिव श्री जे के जैन द्वारा दी गई सुनकर बहुत प्रभावित हुआ हूं एवं भविष्य में यह आश्वासन देता हूं कि जो भी बैंकिंग संबंधी समाज सेवा का कार्य मुझे बताया जाएगा मैं उसे यथासंभव कराने का प्रयास करूंगा l इस अवसर पर श्री अरविंद जैन E.D. पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा कि जैन बैंकर फोरम समाज के उत्थान हेतु सही दिशा में काम कर रहा है l श्री पी के जैन महाप्रबंधक स्टेट बैंक ने कहा की जैन बैंकर फोरम द्वारा शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में विशेष रुप से जैन समाज उत्थान के लिए किए गए कार्य हृदयस्पर्शी हैं l
दोपहर में द्वितीय सत्र में फोरम की आगरा शाखा को सर्वोत्तम शाखा , ललितपुर शाखा को प्रथम Runner up सर्वोत्तम शाखा, गाजियाबाद शाखा को द्वितीय Runner-up सर्वोत्तम शाखा के रूप में सम्मानित किया गया , साथ ही जयपुर शाखा को सर्वाधिक सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम सदस्य संख्या शाखा के लिए सम्मानित किया गया l
श्री जे के जैन राष्ट्रीय महासचिव को शिक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान देने हेतु विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया l
श्री आर सी लोढ़ा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संसार समुद्र से पार लगाने के लिए यह गुरु महाराज ही मांझी हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा, सेवा, समाधान, पर्यावरण, विज्ञान, धार्मिक ज्ञान आदि है। आज अनेक स्थानों पर सेवा स्थान चल रहे हैं हमारी शाखाओं के द्वारा भी ऐसे स्थान चले तो अच्छा है। हर कोई सदस्य एक-एक सदस्य को बढ़ाएं तो आपकी शाखा में बहुत सदस्य हो जाएंगे।
आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने सम्मेलन को अपनी पीयूष वाणी द्वारा सम्बोधित करते हुए कहा कि अहंकारी व्यक्ति कभी सेवा नहीं कर सकता वह अपनी सोच को पॉजिटिव नहीं बना पाता। आप सभी का समर्पण प्रशंसनीय है। सभी के सहयोग से ही कोई भी संस्था लंबे समय तक टिकी होती है। मुझे तो सभी करमचंद दिखाई देते हैं जिस संस्था में हुकुमचंद होंगे वह संस्था ज्यादा दिन नहीं टिक सकती है। जिस संस्था में करमचंद होंगे वह संस्था अच्छी तरह से समाज की सेवा कर सकती है। आप विचारों को शक्तिशाली बनाएं सहयोग की भावना सेवा की भावना से आपके विचार शक्तिशाली बनते हैं। अपने विचारों में उदारता समर्पण का भाव लाए तभी आपके विचार सशक्त बन सकते हैं। जोड़ने के विचार हो, दया, करुणा, प्रेम के विचार हो तभी आपके विचार शक्तिशाली बन सकेंगे। आध्यात्मिक विचार आप अपने अंदर जगाएं तभी जीवन महान बन सकता है।
आचार्यश्री ने आगे कहा कि आज भौतिक संसाधनों का दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है, आप सभी उन संसाधनों का आवश्यक कार्य के लिए ही उपयोग करें। तभी आपके बच्चों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा, जैन व्यक्तियों की ईमानदारी प्रमाणिकता के कई प्रसंग आप सभी ने सुने हैं जैन अधिकारी का नाम सुनते ही सभी सहजता से काम करा लेते थे। जैन अधिकारी की ईमानदारी बहुत चर्चित हो जाती थी। हर जिले में बैंकर्स फोरम की शाखाएं बने ताकि बैंकर्स सम्मेलन ऊंचाइयों की ओर अपने कदम बढ़ाए।
सभा में देश के विभिन्न भागों से लगभग 220 सदस्यों एवं उनके परिवारों ने भाग लिया l
अंत मैं श्री अरुण रपरिया कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा सभा में पधारे सभी अतिथियों सदस्यों एवं तिजारा कार्यकारिणी समिति का धन्यवाद ज्ञापित किया गया l धन्यवाद!
डॉ. सुनील जैन संचय, ललितपुर