सम्पूर्ण विश्व मे मात्र भारत ही एक ऐसा देश है जिसका नाम बड़ी श्रद्धा से भारत माता के नाम से भी लिया जाता है। इंडिया शब्द अग्रेजो की देन है। सही कहा गया है इंडिया नही भारत बोलो। यह भरत का भारत देश है। यहाँ कहा जाता है यत्र नारी पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता ।* *जहाँ नारी की पूजा अर्चना होती है वहाँ देवता निवास करते है।* *सतयुग हो या कलयुग दोनों में नारी शक्ति ने हर क्षेत्र में झंडे गाढ़े है।* *एक माँ जो संस्कार अपने बच्चो में डालती है वो सद संस्कार पचपन के बाद भी बने रहते है।*
*आज कल युग की बलिहारी है। सत युग मे एक रावण था आज घर घर मे रावण है।* *आज सॉशल मीडिया पर पोर्न साइड से भी बहुत तेजी से रेप, बलात्कार , हत्याओ की घटनाऐ हो रही है।छोटी छोटी बच्चीया तक *असुरक्षित होती जा रही है। सभी रिश्ते तार तार हो रहे है।
अभी हाल में पूरा देश हैदराबाद और उन्नाव की बलात्कार की घटना से दुःखी पीड़ित है।* *रोज न्यूज़ पेपर में तीन चार घटनाएं ज्यादती बलात्कार की आती ही है। यह सम्पूर्ण मानव जाति के लिए कलंक है। अभी तक भारत सरकार शासन सोशल पोर्न साइड पर प्रतिबंघ क्यू नही लगा पाई । *इससे भी बहुत ज्यादा अपराघ बढ़ रहे है।* *मोबाइल और इनेटर नेट का सदुपयोग कम और दुरूपयोग ज्यादा होने के कारण बच्चे एकांकी चिड़चिडे ओर कईं घातक बीमारियों के शिकार बन जाते है।* *अपराध बढ़ने के ओर भी कई कारण है ।मोबाइल इंटरनेट . एकल परिवार, टी वी सीरियल एवम विज्ञापनो में स्त्री को भोग की वस्तु के रूप में दिखाना, पारिवारिक संबंधो में तालमेल का अभाव, टी वी सीरियल जीजा जी छत पर हैं, भाभी जी घर पर है, पत्र पत्रिकाओं ने अर्ध नग्न चित्र, अश्लील गाने , यह सभी कारण है। भारत की महंगी न्याय व्यवस्था की बहुत बड़ी कमी है। *आम आदमी की पहुँच से बहुत दूर होती जा रही है। हैदराबाद पुलिस ने चारों अपराधियों को 7 दिन में एनकाउंटर कर पीड़िता के परिवार को ही नही अपितु पूरे भारत मे ख़ुशी की लहर दौड़ा दी। निर्भया के परिवारजन 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी अदालत के चक्कर काट रहे हैं ।* *यह है भारत वर्ष की न्याय व्यवस्था। अब उन्नाव कांड में भी लडक़ी को अपराधियों ने जला दिया।* *वो एक किलोमीटर तक भागती रही। आखिर में इस दुनिया से चली गई। अब उसकी छोटी बहन ने कहा कि यदि 7दिन मे न्याय नही मिला तो वह भी आत्म दाह करेगी। अब समय आ गया है की ऐसे संघीन अपराधीयो को तुरन्त सज़ा दी जानी चाहिए। न्याय व्यवस्था में भी सुधार होना बहुत जरूरी हो गया है।* *हम पूर्व की संस्कृति का अनुसरण करेगे को सद संस्करो का बीजारोपण होगा।* *और यदि पाश्चात्य संस्कृति की ओर जायेगे तो हमारा नैतिक और चारित्रिक पतन होगा।* *पूर्व की संस्कृति ऊपर उठती है। पाश्चात्य संस्कृति नीचे गिराती है। *अब समय आ गया है कि हम ओर हमारे परिवार को हर कदम पर सुरक्षित रखे।*