अभी मैंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट खंगाली… कोरोना वायरस के बारे में काफी कुछ पढ़ा… तो जो बातें निकलकर सामने आई हैं, वे आपसे साझा कर रहा हूँ… आप भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर इसके बारे में और इससे बचाव के बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं… और हाँ, कोरोना वायरस के बारे में जानकारी के लिए किसी भी न्यूज वेबसाइट पर भरोसा न करें…
👉1. यह कई वायरसों का समूह होता है… लेकिन इनमें से केवल चार वायरस ही जानलेवा हैं… बाकी ज्यादातर वायरस जानलेवा नहीं हैं… इसलिए अगर आपको या आपके आसपास कोई इससे प्रभावित होता है, तो वह मर ही जाएगा, ऐसा मत सोचिए…
👉2. यह छींकने और खाँसने से फैलता है… छींकने और खाँसने के दौरान मुँह और नाक से महीन-महीन बूँदें बाहर निकलती हैं… वायरस इन बूँदों से फैलता है… सामान्य साँस लेने से कोरोना वायरस नहीं फैलता… वायरस हवा में ज्यादा देर जिंदा नहीं रह सकता… इसलिए अगर कोई छींकता या खाँसता है, तो उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बना लें… और छींकने व खाँसने के दौरान उसे मुँह पर रुमाल रखने को कहें… आप भी छींकने और खाँसने के दौरान रुमाल का इस्तेमाल करें…
👉3. अगर मास्क उपलब्ध है, तो मास्क का इस्तेमाल भी कर सकते हैं… लेकिन ये मास्क वन टाइम होते हैं… एक बार ही पहने जाते हैं… हटाने के बाद दोबारा नहीं पहने जाते… आपको इनके निस्तारण का तरीका भी पता होना चाहिए… इसलिए बेहतर है कि आप रुमाल का इस्तेमाल कीजिए…
👉4. यह वायरस शरीर के बाहर कोई नुकसान नहीं करता है… तो अगर कोई इन्फेक्टेड बूँद आपके शरीर पर गिर भी जाएगी, तब भी आपको कुछ नहीं हो सकता… भीड़ भरे वातारण में जहाँ लाखों लोग होते हैं और जागरुक भी नहीं होते, वातावरण में छींक और खाँसी की सूक्ष्म महीन बूँदों की भरमार होती है… ये बूँदें आपके कपड़ों व शरीर के खुले हिस्सों पर बैठती रहती हैं… यूँ तो इनमें कोई हानिकारक बात नहीं होती, लेकिन अगर कोरोना वायरस से प्रभावित किसी व्यक्ति की सूक्ष्म बूँद आपके खुले शरीर पर बैठ भी जाती है, तब भी आपको कुछ नहीं होने वाला… ये सूक्ष्म बूँदें आपके शरीर में न पहुँचे, इसलिए व्यक्तिगत साफ-सफाई बहुत जरूरी हो जाती है…
👉5. दिन में कई बार हाथ धोइए… हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का प्रयोग करना सर्वोत्तम है… हाथ धोने में एल्कोहल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं… एक अफवाह यह भी फैल रही है कि शराब पीने से कोरोना वायरस का कोई असर नहीं होगा… जबकि ऐसा नहीं है… शराब पीने के बाद यूँ भी रक्त प्रवाह और मस्तिष्क सामान्य नहीं होते… तो हो सकता है कि यह कोरोना वायरस के लिए अच्छी परिस्थिति हो…
👉6. अभी एक रिश्तेदारी में एक बच्ची को बुखार हो गया… तो घर में हड़कंप मच गया कि कोरोना वायरस हो गया और अब बच्ची मर जाएगी… जबकि ऐसा कतई नहीं है…
👉7. हमारा शरीर हमेशा ही बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता रहता है… यह अनगिनत वायरसों को यूँ ही मारकर समाप्त कर देता है… खून में व्हाइट ब्लड सेल्स यही काम करती हैं… इन्हें शरीर की आर्मी भी कहा जाता है… यह आर्मी वायरसों के बारे में अच्छी तरह जानती है और कोई भी वायरस आ जाने पर तुरंत उसे खत्म कर देती है… इसे अच्छी इम्यूनिटी कहते हैं…
लेकिन हम अत्यधिक सुरक्षित वातावरण में रहने की कोशिश करने लगते हैं… इम्यूनिटी बढ़ाने के नाम पर पता नहीं क्या-क्या लेने लगते हैं… आर्मी को लड़ने के लिए वायरस कम मिलते हैं, तो नया वायरस आ जाने पर आर्मी इन्हें पहचान नहीं पाती और शरीर संक्रमित हो जाता है… इसे ही खराब इम्यूनिटी कहते हैं…
तो अगर आपको रफ एंड टफ माहौल में जीने की आदत है, तो आपकी इम्यूनिटी अपने-आप ही बहुत अच्छी है… कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाने पर आपका शरीर अपने-आप उससे लड़ लेगा… छोटा-मोटा बुखार आएगा और आप अस्पताल जाते-जाते ठीक भी हो जाएँगे…
तो आप कोरोना वायरस से या इसके बाद आने वाले किसी अन्य वायरस से सुरक्षित रहें, इसके लिए जरूरी है कि रफ एंड टफ माहौल में जीने की आदत बनाइए… कभी-कभार ‘अनहाइजेनिक’ भोजन भी कीजिए… मिट्टी और कीचड़ में सनिए… कभी-कभी बिना धोए भी फल खाइए… आरओ वाटर की बजाय खुले पानी को वरीयता दीजिए… सौ कीटाणुओं को मारने वाली साबुन के चक्कर में मत पड़िए…
👉8. सकारात्मक रहिए… कोरोना वायरस से भले ही हजारों लोग मर चुके हों… लेकिन हजारों लोग ठीक भी हुए हैं… केरल के तीनों संक्रमित व्यक्ति ठीक हो चुके हैं… अभी जो संक्रमित व्यक्ति हैं, वे भी ठीक हो जाएँगे… इसका इलाज उपलब्ध है… बचाव के तरीके उपलब्ध हैं… लोग बच भी रहे हैं… लेकिन अगर आप खुद को मरा हुआ मान ही लोगे, तो मरण के नजदीक भी आ सकते हैं कहने का तात्पर्य है कि आत्मबल यानी आत्मविश्वास ही हमें अधिक सुरक्षित करता है!