Home›धर्म-कर्म›जलमंदिर पावापुरी में आयोजित हुआ 1008 कमल पुष्प अर्पण , दीपक व धूप से महाआरती का भव्य उत्सव , प्रभु महावीर के चरणों में अर्पित की गई लाडू , जगमगा उठा निर्वाण स्थली
जलमंदिर पावापुरी में आयोजित हुआ 1008 कमल पुष्प अर्पण , दीपक व धूप से महाआरती का भव्य उत्सव , प्रभु महावीर के चरणों में अर्पित की गई लाडू , जगमगा उठा निर्वाण स्थली
👉जैन संत आचार्य श्री 108 अनेकांत सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में आयोजित हुआ धार्मिक अनुष्ठान।
प्रवीण जैन (पटना) , 23.02.2020 , नालन्दा :👉 जैन संत आचार्य श्री 108 अनेकांत सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में वर्तमान शासन नायक तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण स्थली जलमन्दिर पावापुरी जी सिद्ध क्षेत्र में रविवार को महाशांतिधारा व महाआरती उत्सव का भव्य आयोजन किया गया।धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत जलमन्दिर में आचार्य श्री 108 अनेकांत सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में भगवान महावीर स्वामी के चरण पादुका के समक्ष मंत्रोच्चार पूर्वक 1008 कमल पुष्प , फल और महाअष्टद्रव्य अर्पण के साथ हुआ। साथ ही जैन श्रद्धालुओं ने विधिवत भक्तिमय वातावरण में जलाभिषेक , महाशांतिधारा किया।शोभायात्रा के साथ जलमन्दिर पहुंच जैन श्रद्धालुओं ने चढ़ाया लाडू।*
वहीं , संध्या 3 बजे दिगम्बर जैन मंदिर से गाजे-बाजे के साथ जलमन्दिर के लिए आचार्य श्री संघ के नेतृत्व में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें श्रद्धालु चंवर डोलाते भक्तिभाव से भगवान महावीर और उनके संदेशों के जयकारों का दिव्य घोष करते चल रहे थे।
जलमन्दिर पहुंचकर जैन अनुयायियों ने वर्द्धमान महावीर स्वामी के पावन पवित्र मोक्ष कल्याणक स्थली चरण कमल पर पारंपरिक पूजन-अर्चना कर लौंग , काजू , बादाम , पुष्प आदि से आकर्षक सुसज्जित 21 किलो का भव्य लाडू श्रद्धापूर्वक समर्पित किया।👉1008 दीपकों से जगमगा उठा जलमंदिर , सुगंधित धूपों से पवित्र हो गया वातावरण।*
इसके उपरांत 1008 दीपकों और 1008 सुगंधित धूपों को आकर्षक रूप से तैयार कर महाआरती की भव्य उत्सव अयोजित की गई। महाआरती के भव्य मुख्य थाल से महावीर स्वामी के चरण पादुका के समक्ष श्रद्धालुओं ने भक्ति नृत्य के साथ हर्षोल्लास पूर्वक आरती कर संध्या उत्सव प्रारंभ किया। दीपकों द्वारा जलमन्दिर प्रांगण को बेहद ही खूबसूरत सजाया गया था। जिससे वातावरण दीपोत्सव की तरह मनोरम दिख रही थी। साथ ही जलमन्दिर के कमल सरोवर में भी जैन धर्मावलंबियों ने जगमगाते 1008 दीपक प्रवाहित की गई। जिससे रविवार की शाम जलमन्दिर सरोवर जगमगा उठा।
👉आत्मकल्याण के लिए संत करते है तप – ध्यान – साधना , ऐतिहासिक रहा उत्सव।
आचार्य श्री अनेकांत सागर जी महाराज ने बताया कि भगवान महावीर की पावन पवित्र निर्वाण भूमि पर जलमन्दिर में प्रभु परमात्मा के चरण कमल पर कमल पुष्प का अर्पण और भव्य महाआरती का आयोजन से आज का दिन ऐतिहासिक रहा। स्वामी महावीर की धरती है बिहार जहाँ की कण-कण धरा पवित्र है। हम साधु-संत भी पदयात्रा कर इस पावापुरी की पावन धरती पर आकर तप- ध्यान- साधना करके आत्मकल्याण के लिए भगवान का स्मरण करते है।
👉बता दें कि यहां आये भक्तो ने भी महावीर प्रभु के भक्ति में लीन हो गए। साथ ही श्रद्धालुओं ने सुख- शांति- समृद्धि की मंगल आराधना के साथ विश्वशांति की कामना की।इस उत्सव के अवसर पर आसपास क्षेत्र के अलावे बिहार , झारखंड , बंगाल , उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रांतों से काफी संख्या में गुरुभक्त व जैन धर्मावलंबी शामिल हुए