सामाजिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के संकल्प के साथ चिंतन समूह का प्रथम अधिवेशन संपन्न
संस्था नहीं , पद नहीं, आदेश नहीं, महिमामंडन नहीं, केवल समाज विकास का संकल्प
आगरा । ना कोई संस्था होगी, ना पदाधिकारी होंगे , कोई आदेश नहीं ,व्यक्तिगत महिमामंडन नहीं, संत -पंथ-जातिवाद से दूर केवल और केवल सामाजिक विकास, सद्भावना, समन्वय समभाव के साथ धर्म के नैतिक मूल्यों संस्कारों को बचाने के संकल्प के साथ 15 अगस्त 2020 को डॉ चीरंजीलाल जी बगड़ा कोलकाता, एडवोकेट अनूपचंद जी जैन फिरोजाबाद, डॉ अनिल जैन जी जयपुर, राजेंद्र जैन महावीर सनावद के सद प्रयासों से गठित चिंतन समूह का प्रथम वार्षिक अधिवेशन दिगंबर जैन परिषद एवं जैन शिक्षा समिति आगरा के आतिथ्य में 4 सितंबर 2021 को एमडी जैन इंटर कॉलेज हरी पर्वत आगरा में अभूतपूर्व उत्साह व देश के गणमान्य समाजसेवियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य, अर्हं योग के प्रणेता *परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्यसागर जी महाराज, परम पूज्य मुनि श्री चंद्रसागर जी महाराज का मंगल सान्निध्य* ,आशीर्वाद विशेष रूप से प्राप्त हुआ। सुप्रसिद्ध उद्योगपति, वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रदीप जैन जी पीएनसी आगरा, आगरा के महापौर माननीय श्री नवीन जैन जी के आतिथ्य में हुए इस आयोजन का संयोजन श्री मनोज जैन बाकलीवाल आगरा ने किया ।
आयोजन में चिंतन समूह के डॉ. चिरंजीलाल जी बगड़ा कोलकाता, एडवोकेट अनूपचंद जी जैन फिरोजाबाद, डॉ अनिल जैन जी जयपुर, श्री प्रदीप जैन पीएनसी आगरा, डॉ. श्रेयांस कुमार जी जैन बड़ौत, न्यायमूर्ति विमला जी जैन भोपाल, श्री सुरेश जैन जी आईएएस भोपाल, श्री जमुनालाल जी हापावत मुंबई , श्री विजय लुहाड़िया अहमदाबाद, श्री राजेंद्र महावीर सनावद, डॉ. सुनील जैन संचय ललितपुर, श्री विनोद कुमार जी बाकलीवाल मैसूर ,श्री अशोक जी सेठी बेंगलुरु, श्री टी के वेद इंदौर ,श्री मनोज जैन जी जैन आगरा के साथ जैन परिषद आगरा के अध्यक्ष श्री जगदीशप्रसाद जैन, श्री भोलानाथ जैन, श्री संजय जैन एनके एक्सपोर्ट ,श्री निर्मल मोठ्या ,श्री हीरालाल जी बैनाड़ा, श्री पुष्पेंद्र जैन (अर्थमंत्री), श्री राजकुमार जैन मंत्री, श्री राकेश जैन (पर्दे वाले), श्री सुनील जैन ठेकेदार( महामंत्री ), श्री विमलेश जैन मार्सन्स ,जैन संघ मथुरा के महामंत्री श्री ओमप्रकाश जैन कोसी, श्री सुनील जैन, श्री अंकेश जैन,श्री अनिल जैन, श्री अनिल जैन आदि के साथ मिलकर तीन सत्रों में चिंतन -मंथन कर विभिन्न समस्याओं का रोड मैप बनाकर कार्य करने का निश्चय किया।
*अच्छे उद्देश्य के साथ जीने वाले हारते नहीं हैं: मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज*
अर्हं योग प्रणेता परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्यसागर जी महाराज ने चिंतन समूह के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि नेतृत्व करना सीखा नहीं जाता, यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है । सन्मार्ग पर ले जाने की कला नेतृत्व है। अपनी पहचान बनाना पड़ेगी । सभी की पहचान आचरण से बनेंगी। मुनिश्री ने चिंतन समूह के सदस्यों को आशीर्वाद प्रदान किया। आगरा जैन परिषद के अध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद जी जैन, श्री प्रदीप जैन पीएनसी आदि ने सभी का स्वागत, अभिनंदन किया। एडवोकेट अनूप चंद जैन, राजेंद्र महावीर, डॉ चिरंजीलाल जी बगड़ा , जमनालाल जी आदि ने संबोधित किया। संचालन श्री मनोज जैन आगरा ने किया । इस अवसर पर श्री प्रदीप जैन पीएनसी के नेतृत्व में चिंतन समूह के सभी सदस्यों को परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन करने का विशेष सौभाग्य प्राप्त हुआ।
प्रथम सत्र का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। प्रारंभ में मंगलाचरण डॉ. सुनील जैन संचय ललितपुर ने किया। अध्यक्षता डॉ. चीरंजीलाल बगड़ा कोलकाता ने की। मुख्य अतिथि श्री प्रदीप जैन पीएनसी रहे। संचालन श्री मनोज जैन आगरा ने किया।
*जैन समाज के लिए शुभसंदेश है चिंतन समूह : मेयर नवीन जैन*
चिंतन समूह समाज जनों की बैठक नारायण भवन में राष्ट्रीय महापौर परिषद के अध्यक्ष श्री नवीन जैन आगरा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुई । जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने चिंतन समूह के उद्देश्यों को देखा है, किसी भी समाज के चुनाव संगठन को समाप्त कर देते हैं । इस संस्था में कोई पद नहीं होगा, व्यक्तिगत खंडन -मंडन नहीं होगा ,यह जैन समाज के लिए शुभ संदेश है । उन्होंने कहा कि हम भले ही संख्या में कम हैं लेकिन हमारे कार्य ही हमारी पहचान है, हम सब को भगवान ने बहुत दिया है इसलिए हम सबको सेवा कार्यो में अग्रणी रहना चाहिए।सबको साथ लेकर चलना ही समूह का उद्देश्य है।
चिंतन समूह की ओर से श्री नवीन जैन का स्वागत डॉ. चिरंजीलाल बगड़ा, डॉ श्रेयांस कुमार जैन ने व आभार राजेंद्र महावीर ने किया।
*सबको साथ लेकर चलना ही समूह का उद्देश्य : प्रदीप जैन पीएनसी*
जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी व चिंतन समूह के अधिवेशन के मुख्य अतिथि श्री प्रदीप जैन पीएनसी ने कहा कि चिंतन समूह समाज के एकीकरण के लिए बना है। यह समाज की संस्थाओं के बीच समाज की भावनाएं पहुंचाएगा । समाज को आगे बढ़ाने के लिए सारे कार्य होंगे जिनसे समाज की एकता, समन्वय ,सद्भावना मजबूत होगी। श्री प्रदीप जैन जी ने सभी का परिचय कराते हुए स्वागत किया । उन्होंने आगरा को प्रथम अधिवेशन के लिए चुनने हेतु आभार व्यक्त किया ।
*संस्थाओं को हथियाने का इरादा नहीं : एडवोकेट अनूप चंद जैन*
एडवोकेट अनूप चंद जैन फिरोजाबाद ने कहा कि चिंतन समूह के सदस्यों ने सोचा कि समाज की समस्याओं पर विचार करें इसलिए हम समस्याओं पर चर्चा कर उनके सुझाव संस्था व पदाधिकारियों तक पहुंचाएंगे। हमारा संस्थाओं को हथियाने का कोई इरादा नहीं है ,हम कोई चंदा -चट्ठा नहीं करेंगे। हमारी संस्थाओं में चुनाव व इसके बाद होने वाले विभाजन के बाद नई संस्थाओं का गठन शुभ संदेश नहीं है ।इसलिए हम समाज को नई सुबह के लिए चिंतन प्रदान करेंगे ।
*हम धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे :डॉ अनिल जैन जयपुर*
वरिष्ठ लेखक डॉ अनिल जैन जयपुर ने कहा कि हमने कोरोनावायरस के दौरान नौ वेबीनार किए उसमें अनेक विषयों पर चर्चा की है। चिंतन समूह लीक से हटकर कार्य करते हुए समाज के बीच केवल समन्वय की बात करेगा। हम लड़ने के लिए नहीं हम साथ बैठने की बात करेंगे।
*आचार्य कुंदकुंद हमारी पहचान हैं : डॉ. श्रेयांसकुमार जैन*
डॉ. श्रेयांसकुमार जैन बड़ौत ने कहा कि आज आचार्य कुंदकुंद को अप्रामाणिक व अप्रासंगिक बताने का दुस्साहस किया जा रहा है जो हमारी आत्महत्या के समान है । आचार्य कुंदकुंद हमारी पहचान हैं,उनका नाम हमारी हर प्रतिमा पर है। हमें हमारी संस्कृति व पुरातत्व सुरक्षित रखनी चाहिए। शास्त्र, जिनालय सुरक्षित रहेंगे तो समाज सुरक्षित रहेगा।
*जैन समाज की पहचान शाकाहार और अहिंसा से : डॉ. चिरंजीलाल बागड़ा*
डॉ चीरंजीलाल जी बगड़ा कोलकाता ने कहा कि समाज में विकृति का मूल कारण हमारे विजन की कमी है जिसके कारण संस्थाओं में संकीर्णता व ईगो की लड़ाई में समय बर्बाद होता है । हमारी पहचान अहिंसा व शाकाहार से है। हमारी पहचान आहार शुद्धि है ,आहार विज्ञान है । यदि हम सही दिशा में काम करें तो आज संपूर्ण विश्व जैन बनने की होड़ में लगा हुआ है। चिंतन समूह राष्ट्रीय संस्थाओं को ऐसा नवनीत निकाल कर देगी जिससे उन्हें काम करने में सहयोग मिलेगा ।
*समानुभूति, सद्भावना का विचार है चिंतन समूह : राजेंद्र महावीर*
श्री राजेंद्र जैन महावीर सनावद ने कहा कि केवल समसामयिक विषयों की चर्चा के साथ समाज जनों में समानुभूति के साथ आपसी सद्भाव स्थापित करना, लिफाफा संस्कृति से अलग केवल आवेदन ,निवेदन कर समाज को विघटन से बचाना और चुनावों से उत्पन्न होने वाले वैमनस्य को दूर कर समन्वय की भावना स्थापित करना चिंतन समूह का उद्देश्य है। हम सब अपने स्वयं के खर्चे से एकत्रित होकर समाज के समक्ष नवनीत प्रस्तुत करेंगे।
इस अवसर पर श्री प्रदीप जैन जी पीएनसी ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश श्री समीर जैन व श्री शिशिर जैन की नियुक्ति हुई है सभी ने बधाई प्रेषित की।
*समस्याओं के नए जबाव तलाशें : सुरेश जैन आईएएस*
मध्यान्ह सत्र की अध्यक्षता करते हुए श्री सुरेश जी जैन आईएएस भोपाल ने कहा कि जैन समाज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान कर भारतीय अर्थतन्त्र को नए आयाम प्रदान किये हैं। हमारी समाज में अनेक सफल उद्योगपति और व्यापारी हैं। पारस्परिक सौहार्द जैन समाज की सबसे बड़ी पूंजी रही है। हमने सदैव अपनी वैचारिक अनेकता में सामाजिक एकता बनाए रखी है। यह दुःखद है कि वर्तमान में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों तथा व्यवसायों का नियंत्रण धीरे-धीरे जैन समाज के हाथों से खिसक रहा है। हम जॉब प्रोवाइडर्स की बजाय जॉब सीकर्स हो गए हैं। विखंडित होती जैन शक्ति को समेकित कर महाशक्ति बनाएं। समस्याओं के नए जबाब तलाशकर समय के साथ बदलें। एकता को हम सामाजिक गौरव का विषय बनाएं। हमारे दानदाता अपने दान की उपयोगिता और उत्पादकता पर ध्यान दें। सामाजिक व राजनैतिक नेतृत्व के संगठन एवं संवर्द्धन की चिंता करें
*संघर्ष के बाद सफलता अवश्य मिलती है : न्यायमूर्ति विमला जैन*
तृतीय सत्र की मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विमला जी जैन भोपाल, पूर्व न्यायाधीश मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जैन समाज के घर ,परिवार, व्यापार के झगड़ों को सुलझाने के संबंध में एक सत्य घटना की जानकारी दी और कहा कि काम करने में बाधाएं तो आती हैं लेकिन कार्य करते रहो तो सफलता अवश्य मिलती है। मैं खुद जैन समाज के घर, परिवार के आपसी झगड़े सुलझाने के लिए निरंतर अपनी सेवाएं दे रही हूं।
*आगामी 20 वर्ष की प्लानिंग अभी से बनाना होगी : विजय लुहाड़िया*
सत्र के विशिष्ट अतिथि जैन शिक्षा समृद्धि के श्री विजय जी लुहाड़िया अहमदाबाद ने कहा कि ने कहा हमें नया सोचना है । संस्था वही है जिसके पास प्रोजेक्ट हो। हमें आगामी 20 वर्ष की प्लानिंग अभी से बनाना होगी ।उन्होंने जैन शिक्षा समृद्धि की योजनाओं जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से नया आयाम स्थापित हम कर सकते हैं ।
*जैन समाज को लीडरशिप की जरूरत : मनोज जैन*
आयोजन के संयोजक श्री मनोज जी बाकलीवाल ने कहा कि जैन समाज को लीडरशिप की सबसे बड़ी समस्या है। मंच पर बड़े-बड़े भाषण देने वाले लीडर नहीं हो सकते । जब तक लीडरशिप नहीं होगी तब तक कोई कार्य आगे नहीं बढ़ सकता ।तीर्थक्षेत्रों के विकास पर हमें बहुत ही गहनता से ध्यान देना होगा ।उनके संरक्षण के लिए आगे आना होगा ।प्रत्येक तीर्थों के मंदिरों के कागजात होना बहुत जरूरी है तथा उनका रजिस्ट्रेशन बहुत आवश्यक है। तीर्थों का मैनेजमेंट क्या सही ढंग से हो रहा है? इस पर हमें चिंतन -मंथन करने की सख्त जरूरत है।
*सोसल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करें : डॉ सुनील जैन संचय*
डॉ. सुनील जैन संचय ललितपुर ने कहा कि हम अपने घर के झगड़ों में इतने उलझ गए हैं कि बाह्य आक्रमण पर हमारा कोई ध्यान ही नहीं है। हाल में जैन क्षेत्रों पर असामाजिक तत्वों द्वारा की गई घटनाएं हमारी चिंता बढ़ाती हैं। फेसबुक, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया पर हम अपने घर की लड़ाइयां जीत-हार में लगे हुए हैं। फेसबुक जैसे सार्वजनिक मंच पर भी हमारे समझदार समझे जाने वाले लोग भी समाज के संतवाद-पंथवाद-तीर्थों आदि के विवाद डालकर अपनी पगड़ी उछालने में मशगूल हैं। सार्वजनिक मंच पर हम खुद हंसी के पात्र बन रहे हैं। सोसल मीडिया का हमें सकारात्मक उपयोग करना चाहिए।अहिंसक जैन समाज की अहिंसा खंडित हो रही है। मतभेद अब मनभेद बनकर सामने आ रहे हैं। जनगणना के समय जैन जनगणना को अभियान की तरह लेना होगा।
*पंथवाद-संतवाद से ऊपर उठकर कार्य करना होगा : जमनालाल हपावत*
श्री जमनालाल जी हपावत ने कहा कि प्रदीप जी पीएनसी को नेतृत्व करना चाहिए ।पंथवाद- संतवाद से ऊपर उठकर के हम सबको मिलकर के कार्य करना चाहिए तभी हमें सफलता मिलेगी । उन्होंने उनके द्वारा किए जा रहे अनेक समाजोन्मुखी कार्यों को गिनाया और इनको निरंतर जारी रखने का संकल्प भी दोहराया।
*जिस संस्था का जो कार्य है वह संस्था वही कार्य करें : विनोद बाकलीवाल*
वरिष्ठ समाज सेवी श्री विनोद जी बाकलीवाल मैसूर ने मंदिरों के रखरखाव व संरक्षण की जरूरत को महत्वपूर्ण बताया । दक्षिण भारत में भट्ठारक परंपरा ने जिन मंदिरों का संरक्षण संवर्धन किया है इस बारे में उन्होंने चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस संस्था का जो कार्य है वह संस्था वही कार्य करें अन्य संस्था के कार्य में हस्तक्षेप ना करें तो कार्य बड़े ही सुगमता से और सरलता से विधिवत रूप से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मंदिर की मूर्तियां प्रशस्ति भी रजिस्टर्ड होना चाहिए अन्यथा कई परेशानियां आएंगी उन्होंने कर्नाटक का ज्वलंत उदाहरण भी इस माध्यम से बताया। उन्होंने अगली चिंतन समूह की बैठक कर्नाटक में करने का प्रस्ताव रखा ।
*गलत को गलत कहने की हिम्मत हमें होना चाहिए : टी के वेद*
पूर्व एक्ससाइज कमिश्नर श्री टी के वेद इंदौर ने कहा कि धर्म का सर्वनाश कतिपय सफेद कपड़े वालों (सफेद लुंगी) ने किया है। गलत को गलत कहने की हिम्मत हमें होना चाहिए ।समाज को पैसो के लिए बेचना नहीं चाहिए। समन्वय से कार्य हों तो अच्छे नतीजे देखने मिलेंगे।
*जीर्णशीर्ण मंदिरों का जीर्णोद्धार जरूरी : अशोक सेठी*
वरिष्ठ समाज सेवी श्री अशोक सेठी बेंगलुरु ने कहा कि कर्नाटक में जैन मंदिर बड़ी संख्या में हैं। सैकड़ों मंदिर जीर्णशीर्ण पड़े हुए हैं। अनेक विशाल प्राचीन जैन मंदिर जीर्णोद्धार की बाँट जोह रहे हैं। चिंतन समूह को इस पर कार्य करना चाहिए ।
*डॉ चीरंजीलाल बगड़ा* ने चिंतन समूह द्वारा लिए गए निर्णय से अवगत कराते हुए कहा कि आज की बैठक में निर्णय लिया गया है कि चिंतन समूह के सदस्यों को जिम्मेदारी दी गयी है जिसमें चार कोर ग्रुप बनाए गए हैं जिसमें प्रत्येक ग्रुप में चार सदस्य रखे गए हैं जिनको क्रमशः तीर्थक्षेत्र के संरक्षण-संवर्द्धन , जैनधर्म और समाज का संरक्षण, आगम की विसंगतियां और समाधान, जैनपत्र-पत्रिकाओं एवं सोसल मीडिया की दशा और दिशा। समूह की एक ‘चिंतन प्रवाह’ नाम से षड्मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया जाएगा जिसमें उच्चस्तरीय आलेख, महत्वपूर्ण जानकारियां प्रकाशित की जाएंगी। बैठक में एक प्रस्ताव भी सर्व सम्मति से पारित किया गया जिसमें कहा गया है कि आचार्य श्री कुन्दकुन्द हमारे आराध्य हैं, उनके बारे में किसी भी प्रकार का अवर्णवाद स्वीकार नहीं।
*श्री प्रदीप जैन पीएनसी का विशेष सम्मान*
इस मौके पर चिंतन समूह की आगरा की बैठक को शानदार तरीके से सम्पन्न कराने के लिए समाज गौरव श्रेष्ठी श्री प्रदीप जैन पीएनसी का समूह द्वारा पगड़ी, शाल, श्रीफ़ल भेंटकर विशेष सम्मान किया गया। संचालन राजेन्द्र महावीर सनावद ने किया। आगरा दिगम्बर जैन परिषद ने सभी अतिथियों को अभिनंदन पत्र ,पगड़ी,दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया। आभार संयोजक श्री मनोज जैन आगरा ने किया ।उपस्थित अतिथियों ने शानदार स्वागत व व्यवस्था की मुक्तकंठ से सराहना की।
प्रेषक :*राजेन्द्र जैन महावीर, डॉ. सुनील जैन संचय*