दिल्ली हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर भी मनाया जाता है बसंत पंचमी का उत्सव
नई दिल्ली -: हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर 10 फरवरी को बसंत पंचमी त्यौहार का आयोजन बड़ी धूम-धाम के साथ किया गया| गौरतलब है कि 700 साल से लगातार दिल्ली की मसहूर दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया पर बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता रहा है| दिल्ली के इस बसंत पंचमी उत्सव को दरग़ाह में देखने के लिए देश के अनेकों नगर-शहरों से पीली पोशाक में लोग भी पहुँचे साथ ही साथ औलिया की मज़ार पर पीले रंग के फूल और पीले रंग की चादर चढ़ाई| दरग़ाह में बसंत पंचमी के इस अद्भुत उत्सव चलते काफ़ी ख़ुशी नज़र आयी|
बताया जाता है कि हजरत निज़ामुद्दीन औलिया अपने भाँजे के गुज़र जाने के बाद बेहद ग़मग़ीन थे! बसंत पंचमी के मौक़े पर हज़रत अमीर ख़ुसरो ने कुछ औरतों को गाना गाते हुए पीले फूलों के साथ पीली पोशाकों में जाते हुए देखा तो खुसरो ने भी ऐसा रूप धारण कर हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के सामने गाना गाया जो निज़ामुद्दीन औलिया के चेहरे पर मुस्कराहट ले आया, जिसके बाद आज के “सराय काले खाँ अन्तर्राज्यीय बस अड्डे” के पास दिल्ली स्थिति हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह पर लगभग 700 साल से यह बसंत पंचमी का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है|