मनुष्य हित में शयन के नियम



1. सूने तथा निर्जन-:घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए।👉 मनुस्मृति
2. किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए।👉विष्णुस्मृति
3. विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो इन्हें जगा देना चाहिए। 👉चाणक्यनीति
4. स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्तमें उठना चाहिए। 👉देवीभागवत
5. भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। 👉अत्रिस्मृति,
6़ टूटी खाट पर तथा जूठे मुँह सोना वर्जित है।
👉महाभारत
7.ग्रहस्थ व्यक्ति को “नग्न होकर/निर्वस्त्र” नहीं सोना चाहिए।👉गौतम धर्म सूत्र
8. पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि या मृत्युतुल्य कष्ट तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से दीर्घकालीन धन व आयु की प्राप्ति होती है।👉आचारमय़ूख
9. दिन में कभी नहीं सोना चाहिए! परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है।दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु क्षीण होती है|
10. दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है।👉ब्रह्मवैवर्तपुराण
11. सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए। बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये हितकर है।👉पी.एम.जैन
12. दक्षिण दिशा में पैर करके कभी नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में यमराज और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियाँ होती है।👉पी.एम.जैन
13. हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पैर पर पैर चढ़ाकर निद्रा न लें।
14. शय्या पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है।
15. सोते सोते पढ़ना नहीं चाहिए। ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है
16. ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ है। इसलिये सोते समय तिलक हटा दें।