साइबर अपराधों से बच कर रहें ऑनलाइन बेविनार में सायबर लॉ एक्सपर्ट ने बताए बचाव के उपाय
नर जीवन में करें अच्छे कार्य, कोरोना काल में एक-दूसरे के बनें सहयोगी👉आचार्य श्री ज्ञानसागर
बारां,राजस्थान-:राजस्थान के बारां शहर के शाहाबाद रोड स्थित जैन नसियां मंदिर में आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज एवं मुनि श्री ज्ञेयसागर जी महाराज विराजमान हैं। लाॅकडाउन एवं कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए आचार्यश्री की प्रेरणा से ‘साइबर अपराधों से कैसे बचें’ विषय पर आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज की ऑनलाइन मौजूदगी में यूनिवर्सल जैन लाॅयर्स एसोसिएशन (उजला) ने ऑनलाइन बेविनार का आयोजन किया । जिसमें देशभर से अनेक वकील, जज एवं अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
इस दौरान भारतीय उच्च न्यायालय की सायबर लॉ एक्सपर्ट खुशबू जैन ने आरोग्य सेतु एप से निजता के अधिकार के उल्लंघन के सवालों के जवाब दिए। सुश्री जैन ने गलत सूचनाओं से बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला क्योंकि अफवाहें एक घातक हथियार हैं जो लोगों के मनोबल को प्रभावित करती हैं । इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 20 मार्च, 2020 को सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कोरोनावायरस पर गलत सूचना पर अंकुश लगाने के लिए एक सलाह जारी की। इस निर्देश ने उन्हें उचित परिश्रम का संचालन करने और तत्काल कार्रवाई करने की सलाह दी, ताकि उनके प्लेटफार्मों पर होस्ट की गई ऐसी सामग्री को हटा दिया जा सके। यह निर्देश उपयोगकर्ताओं को ऐसी किसी भी झूठी खबर या गलत सूचना को अपलोड या प्रसारित नहीं करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए उन्हें प्रेरित करता है।
*वित्तीय साइबर अपराधों के मामले में उपलब्ध कानूनी उपचार*
1. बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर तुरंत कॉल करें और शिकायत दर्ज करें। घटना की रिपोर्ट निकटतम पुलिस स्टेशन / साइबर क्राइम सेल को दें और संबंधित लेनदेन विवरण प्रदान करने वाली शिकायत दर्ज करें। कोई इसे www.cybercrime.gov.in और सेवा प्रदाता पर भी रिपोर्ट कर सकता है।
2. यदि बैंक 30 दिनों के भीतर जवाब देने या कार्य करने में विफल रहता है या यदि आप अपने बैंक की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं, तो घटना को अपनी शिकायत के साथ बढ़ाकर बैंकिंग लोकपाल दे।
3. लोकपाल द्वारा पारित आदेश से दुखी होने के मामले में, किसी के पास आदेश के 30 दिनों के भीतर लोकपाल योजना के तहत अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील करने का विकल्प होता है। उपभोक्ता अदालत में इसे चुनौती देने का भी विकल्प है।
4. बैंकों, भुगतान एग्रीगेटर्स, ई-कॉमर्स कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को तीसरे पक्ष या तीसरे पक्ष के वित्तीय उपकरणों के साथ अपने डेटा या क्रेडेंशियल्स के बंटवारे की सुरक्षा और गोपनीयता को बेहतर बनाने के लिए एक अलग मॉडल और डिज़ाइन की आवश्यकता होती है। अधिकांश वित्तीय साइबर अपराध / बैंकिंग धोखाधड़ी डेटा ब्रीच या ग्राहक डेटा के अनधिकृत साझाकरण के कारण होती है। जबकि महामारी ने साइबर अपराधों में कई गुना वृद्धि देखी है, विशेष रूप से वित्तीय प्रकृति की, उपयोगकर्ताओं और संस्थानों की सुरक्षा मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से सुधार नहीं हुआ है। हालांकि यह इन संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे अपने व्यवसायों और ग्राहकों की सुरक्षा करें, औसत उपयोगकर्ता के लिए सतर्क रहना और नुकसान को रोकने के लिए कदम उठाना अनिवार्य हो गया है। आरबीआई ग्राहक की देयता को कम करने और उसे घोटालों, धोखाधड़ी और अपराधों से बचाने के लिए दिशानिर्देश जारी कर रहा है। यह प्रयास बैंकों और संस्थानों पर दायित्व बढ़ा रहा है, यह समय है कि प्रौद्योगिकी सुरक्षा के साथ सुविधा को संतुलित करती है।
इसी दौरान सराकोद्धारक षष्ठपट्टाचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने बहुत -सी ऐसी बातें वेब संगोष्ठी के माध्यम से बताई कि किस प्रकार इस साईबर क्राईम से बचा जा सकता है। उन्होंने ने बताया कि ऐसे- ऐसे वकील हुए हैं जो इमानदारी की मूर्ति हैं, उनमें करुणा भाव है। नर जीवन मिला है जिससे सबका भला हो। आचार्यश्री ने जानकारी दी कि गुजरात में जिनका कार्य नहीं चल रहा है उनकी सूची बनाकर उजला के माध्यम से मदद की जा रही हैं। आचार्यश्री ने सभी को अपना आशीर्वाद देते हुए उन्नति की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी, कोरोना काल में उदारता से एक-दूसरों के सहभागी बनें, सहयोग करें। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम से बचें और अपने सभी मिलने वालों को भी साइबर क्राइम की जानकारी देवें।
उजला के को- ऑर्डिनेटर एडवोकेट सुरेंद्रमोहन जैन ने अभिनंदन किया। जस्टिस अभय गोहिल, एडवोकेट अजयवीर सिंह व एडवोकेट सुशील कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त्त किए। एडवोकेट गौरव जैन ने सेमिनार का संचालन किया। ब्रह्मचारिणी अनीता दीदी जी ने मंगलाचरण किया। डॉ सुनील संचय ललितपुर ने आचार्य श्री ज्ञानसागर जी का परिचय दिया।
-डॉ. सुनील जैन “संचय”