लेख-विचार
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क्षमा अतीत को तो नहीं किन्तु भविष्य अवश्य बदल देती है👉डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
क्षमा अतीत को तो नहीं किन्तु भविष्य अवश्य बदल देती है 👉अगर मैं अपने आप से प्यार करता हूँ और हमेशा खुश रहना चाहता ... -
मेरी तो बस हथेली ही गीली हुई👉डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
मेरी तो बस हथेली ही गीली हुई 👉डॉ. निर्मल जैन (जज) दशलक्षण पर्व का समापन हो गया। कोरोना-काल में भी अपने परिवार और साथियों ... -
अपरिग्रह व्रत, स्वयं को प्रकृति से जोड़े रखने का आश्वासन है-डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
अपरिग्रह व्रत, स्वयं को प्रकृति से जोड़े रखने का आश्वासन है। पर्युषण पर्व का नवां अंग, उत्तम आकिंचनधर्म। आकिंचन और परिग्रह परस्पर पूरक हैं। अपरिग्रह व्रत है, अकिंचन ... -
धन को भोगने के लिए धन को छोडने की कला चाहिए-डा.निर्मल जैन (से.नि.जज)
धन को भोगने के लिए धन को छोडने की कला चाहिए लोभ, दशलक्षण धर्म का चतुर्थ अंग। लोभ या ललाच का संबंध मनुष्य के ... -
जुड़ना भी है और तोड़ने वालों की पहचान कर उनसे परहेज भी करना है
जुड़ना भी है और तोड़ने वालों की पहचान कर उनसे परहेज भी करना है सर पर अगर बाल घने हो तो ... -
एक राखी देश की रक्षा,पर्यावरण की रक्षा,धर्म की रक्षा के लिए भी बाँधें-डा.सुनील जैन “संचय”
👉अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है रक्षाबंधन पर्व -डॉ सुनील जैन संचय, ललितपुर आज के दौर में जब रिश्ते धुधंलाते जा रहे हैं, ... -
न कोई विक्षिप्त हुआ न किसी का मानसिक या शारीरिकस्वास्थ्य बिगड़ा-डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
न कोई विक्षिप्त हुआ न किसी का मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ा जब अति की भी अति हो जाती है तब इति का प्रारंभ ... -
नीबू की एक बूंद दूध की मिठास को दही की खटास में परिवर्तित कर देती है-डा.निर्मल जैन “जज साहब”
नीबू की एक बूंद दूध की मिठास को दही की खटास में परिवर्तित कर देती है। एक संत विहार करते हुए रास्ते में एक ... -
अहिंसात्मक आचरण से परिपूर्ण गुरु ही “गुरूपूर्णिमा” के अधिकारी👉पी.एम.जैन
👉माँ शिशु के लिए गर्भावस्था से ही प्रथम गुरू होती है और जो माँ शिशु को “गर्भावस्था” में अपनी उत्कृष्ट चेतना के माध्यम से ... -
निर्भीक पत्रिका + निर्भीक कलम👉डा.निर्मल जैन “जज साहब”
सच कहना न तो निंदा है और न ही उससे पाप या नर्क का बंध होता है। इन दिनों हम सभी बचाने ...