रामाशाय दिगम्बर जैन मंदिर, मल्हारगंज में आचार्य ससंघ का मंगल प्रवेश एवं प्रवचन ।
इंदौर:- भौतिक या आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु साधना की जाती है और इसकी शुरुआत एक छोटे से कदम से होती है। महावीर की उपलब्धि एक दिन की नहीं यह कई जन्मों की साधना का फल है। महावीर के बताए रास्ते पर चलने के लिए आज से ही शुरुआत करनी चाहिए तभी मंजिल मिल पाएगी
आज यह आचार्य श्री विभवसागर महाराज ने रामाशाय दिगंबर जैन मंदिर मल्हारगंज पर प्रवचन करते हुए कहा।
आज सुबह आचार्य श्री ससंघ का मंगल प्रवेश यहां हुआ।
उन्होंने कहा
कभी-कभी हम ऐसे स्थान पर होते हैं जब हम मंदिर नहीं जा पाते तब हमें ध्यान में भगवान को रखकर आराधना करनी चाहिए।
एक बालक सर्वप्रथम पहली कक्षा में भेजा जाता है क्योंकि यही उसके लिए आगे का रास्ता बनाती है। इसी तरह योगी भी अपने लक्ष्य पर धीरे धीरे बढ़ता है उसकी क्रियाए दिखावा नही मंजिल पर पहुँचने की सीढ़ियां होती है।
साधना में साधक को आनंद तो आता है पर आनंद उसका साध्य नहीं है जैसे एक व्यापारी अपनी दुकान की गद्दी पर बैठा हुआ आनंद तो लेता है, पर उसका मुख्य उदेश्य धन कमाना होता है।
व्यापार करने में जिसको आनंद नहीं आता वह पैसे का भी आनंद नहीं लूट सकता है ठीक वैसे ही साधना करने में जो आनंद नहीं लेता वह साधना के उद्देश्य को प्राप्त भी नहीं कर सकता।
एक साधक साधना के मार्ग पर चल रहा है और उसका लक्ष्य उसके सामने नहीं है तो उसके भटकने की संभावना अधिक है।
ज्योतिष की दृष्टि से सामान्तया अमावस्या अशुभ मानी जाती है फिर भी दीपावली के दिन की अमावस्या हर दृष्टि से शुभ कही जाती है क्योंकि इस दिन महावीर ने संसार के समस्त बंधनो को तोड़कर निर्वाण अर्थात मोक्ष को प्राप्त कर लिया था।
आप के भाव, विचार, और क्रिया मंगल है तो सब कुछ मंगल है नहीं तो पूर्णिमा भी अशुभ है।
निर्ग्रंथ दिगंबर मुनि के शब्द और वाणी भ्रम फैलाने का साधन नहीं, बल्कि यह तो भ्रम के भूत भगाने का प्रयत्न है। जो लोग आगम और जिनवाणी के नाम पर मेलजोल खत्म कर रहे हैं वह आगम कि नहीं, अपने मन की बात कर रहे हैं।
समाज के संजीव जैन संजीवनी ने बताया कि सभा में आज कमल काला, प्रतिपाल टोंग्या, सुशील पंड्या, प्रिंसिपाल टोंग्या, प्रदीप झांझरी, विनय चौधरी, टी के वैद, मनोज जैन, सहित कई गणमान्य व्यक्ति, सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच मौजूद थे।
आचार्य श्री के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से एवं दोपहर 3:00 बजे से मल्हारगंज स्थित रामाशाय मंदिर में होंगे।
संजीव जैन संजीवनी