Home›धर्म-कर्म›मंदारगिरी (बिहार) में मुनि श्री पुण्य सागर जी महाराज ससंघ का हुआ भव्य मंगल प्रवेश, जैन संतो के सानिध्य में आयोजित हुआ विशेष पूजा-अर्चना।
मंदारगिरी (बिहार) में मुनि श्री पुण्य सागर जी महाराज ससंघ का हुआ भव्य मंगल प्रवेश, जैन संतो के सानिध्य में आयोजित हुआ विशेष पूजा-अर्चना।
मंदारगिरी-: जैनो के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थली मंदारगिरी में रविवार को दिगम्बर जैन साधु-साध्वियों के सानिध्य में धूमधाम के साथ धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया।
सिद्ध क्षेत्र मंदारगिरी में विराजमान परम पूज्य मुनि श्री 108 पुण्य सागर जी महाराज (11 पिच्छी) ससंघ मंदार पर्वत शिखर के वंदना हेतु रविवार के प्रातः 5 बजे पर्वत का आरोहण किया था, पर्वत शिखर स्थित जैन धर्म के 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी की तप , ज्ञान व निर्वाण कल्याणक भूमि पर भगवान वासुपूज्य मंदिर में जैन संतो ने दर्शन-ध्यान कर प्रभु का स्मरण किया।
वहीं इस विशेष मौके पर काफी संख्या में पहुंचे जैन तीर्थयात्रियों को पूज्य मुनि श्री ससंघ के पावन सानिध्य में जलाभिषेक, शांतिधारा , पूजा – पाठ करने का अवसर मिला , शांतिधारा करने का सौभाग्य मुनि श्री पुण्य सागर जी भक्त मंडल को प्राप्त हुआ , महाशांतिधारा पाठ का उच्चारण जैन मुनि ने किया ।
धार्मिक वातावरण में जैन श्रद्धालुगण पूजा-अर्चना के दौरान भक्तिभाव पूर्वक नृत्य करते हुए खूब झूमें।
शांतिधारा करने से असीम शांति का अनुभव होता है यह शांतिधारा पाठ केवल मनुष्य के सुख- शांति – समृद्धि जीवन के लिए नही अपितु सभी जीव-जंतु सहित सम्पूर्ण विश्व की मंगल शांति के लिए होता है यह बातें मुनि श्री पुण्य सागर जी महाराज ने श्रावकों के बीच प्रवचन के दौरान कहीं , मुनि श्री ने कहा कि यह मंदारगिरी की पावन धरा कण-कण पवित्र है जहाँ बाल ब्रह्मचारी महान जैन तीर्थंकर वासुपूज्य स्वामी की तीन कल्याणक भूमि है , हर जैन अनुयायियों को यह पवित्र सिद्ध भूमि पर जीवन में एक बार अवश्य शीश टेकना चाहिए , साथ ही प्रसन्नता जाहिर करते हुए जैन संतो ने कहा कि यहाँ तो अब काफी विकास कार्य देखने मिल रहा है।
मंदार पर्वत पर पूजा पाठ के पश्चात जैन मुनियों का संघ पर्वत तलहटी स्थित जैन मंदिर , भगवान वासुपूज्य की प्रथम आहार व दीक्षा स्थली बारामती मंदिर का दर्शन करते हुए बौन्सी स्थित श्री दिगम्बर जैन कार्यालय मंदिर पहुंचे , जहां स्थानीय मंदिर प्रंबधन व जैन श्रावकों द्वारा जैन संतो का मंगल आरती , पाद प्रक्षालन कर भव्य आगवानी किया गया , मालूम हो कि शनिवार के संध्या बेला में जैन साधु-साध्वियों का मंदार क्षेत्र में गाजे-बाजे के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मंगल प्रवेश हुआ था।
मंगल प्रवेश के मौके पर पंचरंगे जैन धर्म ध्वज लिए जैन श्रावक जय जय गुरुदेव के जयकारा लगाते चल रहे थे।
क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि सोमवार के प्रातः में जैन मुनि श्री केशलोंच करेंगे , केशलोंच में जैन संत अपने दाढ़ी-मूंछ , सिर के बाल अपने स्वयं हाथों से उखाड़ते है जो इनके साधु जीवन का कठिन तप और साधना की प्रमुख चर्या होती है , इस दिन जैन साधु-साध्वी निर्जला उपवास करते है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से प्रबंधक पवन कुमार जैन , उप प्रबंधक राकेश जैन के साथ ब्रह्मचारिणी वीणा दीदी , जयकुमार जैन , विनय जैन , राजेश जैन , पंडित सिंकू , पंडित मिथलेश , महेंद्र राम , उपेंद्र आदि समेत भागलपुर , गुवाहाटी, आसाम , सागर , महाराष्ट्र आदि स्थानों से पहुंचे काफी संख्या में जैन श्रद्धालु शामिल हुए।