भारतीय संस्कृति के विकास मे जैन धर्म का योगदान विषयक जे.ए.एस द्वारा शुरु की गई 19/8/23 की आनलाइन व्याख्यानमाला में
#भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) और गिरनार तक धर्म यात्रा#
विषय पर दिए गए व्याख्यान और शोध लेख पुरातत्व विद डा. पवन गौड ने कहा कि अति प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में ऋषभदेव को धर्म का प्रतीक और अहिंसात्मक जीवन शैली के द्वारा मोक्ष मार्ग के प्रस्तोता के रुप में स्थापित किया गया है,इसी प्रकार गुजरात राज्य का गिरनार पर्वत जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ जो श्रीकृष्ण के चचेरे भाई और ऐतिहासिक महापुरुष हैं उनका निर्वाण स्थल है जिसके ऐतिहासिक साहित्यिक और पुरातात्विक सभी तरह के प्रमाण उपलब्ध हैं जिनमे कुछ संदर्भ प्रेसित शोध लेख मे है,
जे.ए.एस के निदेशक डा.नरेंद्र भंडारी के निर्देशन, में डा प्रभाकिरण जैन ने अध्यक्षता की, जे.ए.एस सचिव पूर्वी दवे ने आभार प्रकट किया,संयोजक श्री आदिनाथ मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार जैन हैं,डा पी.सी.जैन, ललित शाह,जितेंद्र सुराना,सुदीप जैन, वर्षा शाह आदि 35 से अधिक सदस्य आनलाइन जुड़कर वेबीनार सफल किया।