Paras Punj

Main Menu

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

logo

Paras Punj

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा
Uncategorizedलेख-विचार
Home›Uncategorized›हममें तो वे मानवीय गुण भी नहीं जो रावण में थे-डॉ.निर्मल जैन(न्ययाधीश)

हममें तो वे मानवीय गुण भी नहीं जो रावण में थे-डॉ.निर्मल जैन(न्ययाधीश)

By पी.एम. जैन
October 14, 2021
826
0
Share:
पर्व एक नाम दो -विजयदशमी और दशहरा। अर्थात्  जिन दस प्राणों -स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु, कर्ण (पाँच इन्द्रियाँ), मनबल, वचनबल, कायबल, आयु और श्वासोच्छवास से ये जीव अनादि काल से जन्म-मरण के दुखों को भोगता हुआ आया है उन पर “विजय” प्राप्त करना, उन को “हरना”।
दशहरा, किसी हार-जीत से बढ़कर अन्याय के अंत का, असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व है। विजयादशमी के इस पर्व पर हम रावण की पराजय के प्रतीक के रूप में उसका पुतला जलाते हैं। रावण के पुतला दहन के पीछे आध्यात्मिक, नैतिक संदेश यही है कि हम कोई ऐसा कर्म ना करें कि गुणवान, विद्वान, सर्व-सामर्थ्य और सर्व-साधन-संपन्न होकर भी रावण की तरह पराजय का मुँह देखना पड़े। राम की रावण पर विजय में राक्षसों का पराभव नहीं हुआ, राक्षसों की सभ्यता भी नष्ट नहीं हुई। संहार हुआ तो केवल रावण के अहंकार का।
अहंकार पर विनयशीलता का, अधर्म पर धर्म का, अन्याय पर न्याय का यह विजय-समर हर पल जारी रहता है। आज भी जारी है। दशहरा एक प्रतीक पर्व है। मन में विकार हैं तो रावण और विकार रहित परम पुरुष हैं -राम। हम बाहर से मुखौटा जरूर राम का लगाए रहते हैं, मगर हमारे अंदर आज भी कई रावण मौजूद हैं। जो हमें कामनाओं की मृगमरीचिका में फंसाकर भोग में अतृप्ति, ऐश्वर्य के दिखावे, शक्ति और संपत्ति के लिए भय और आतंक का अभियान चलाने पर मजबूर करते हैं। दूसरों की सुविधा की उपेक्षा, उनके सुख की ईर्ष्या से प्रभावित होकर अपने-परायों की शांति रूपी सीता का हरण करते और कराते रहते हैं।
वर्षा और शरद इन दोनों ऋतुओं का यह  संधि-काल सर्वकार्य सिद्धिदायक माना जाता है। यह पर्व पूरे देश में अपनी-अपनी परंपराओं के हिसाब से मनाया जाता है। खेतिहर संस्कृति में आज भी नए जौ के अंकुर शिखा में बांधकर जय-यात्रा का आरंभ मानते हैं। इस दिन नीलकंठ पक्षी में लोग विषपायी शिव का दर्शन करना चाहते हैं। इस शुभ अवसर पर क्षत्रिय शस्त्रों की पूजा करते हैं। मान्यता है कि राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने हेतु नवरात्र व्रत का पालन कर दुर्गा सहित शस्त्र-पूजा भी की थी, ताकि शक्ति की देवी दुर्गा उनकी विजय में सहायक बनें। छत्रपति शिवाजी ने भी इसी दिन देवी दुर्गा को प्रसन्न करके तलवार प्राप्त की थी। इस दिन सरस्वती पूजन भी होता है और व्यवसायी हिसाब-किताब की बहियों और माप-तोल के उपकरणों पर भी कलावा बांध कर पूजते हैं।
सत्य और धर्म की जीत और इस पर्व को मनाने का मुख्य उद्देश्य भी तभी पूरा होगा जब हम अपने अंदर की छुपी हुई बुराईयों पर विजय पा लेंगे। परंपरा निबाहते हुए हर साल राम का मुखौटा बांध कर बुराइयों के प्रतीक रावण का पुतला अवश्य जलाते हैं। लेकिन हमारा रावण सरीखा होना भी कहां आसान। रावण में अहंकार था, तो पश्चाताप भी था। रावण में वासना थी, तो संयम भी था। रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी, तो बिना सहमति पराए स्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प भी था। हम कहलाते तो मानव अवश्य हैं लेकिन वर्तमान घटनाक्रमों के परिपेक्ष्य में राम के गुणों की तो क्या बात करें हममें तो वो मानवीय गुण भी नहीं हैं जो रावण में थे।
Previous Article

एटा में हुई प.पू.मुनि श्री विश्वानन सागर ...

Next Article

*जैन तीर्थ नैनागिरि में होने वाले पंचकल्याणक ...

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

Related articles More from author

  • लेख-विचार

    जुड़ना भी है और तोड़ने वालों की पहचान कर उनसे परहेज भी करना है

    August 21, 2020
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    दान की पहली शर्त है-अपने अहंकार और अपनेपन का निशशेष भाव से समर्पण👉डा. निर्मल जैन(से.नि.जज)

    March 18, 2020
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    *संयुक्त परिवार से होती है बच्चों में नैतिक मूल्यों की स्थापना :महेंद्र पाटनी*

    May 20, 2022
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    “हिंसक भीड” और कुछ नहीं इस नवउदारवादी-युग के कुंठित,विकृत वीरों का बसंत है।

    December 23, 2019
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    करवा चौथ

    October 17, 2018
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    दिल्ली गाजीपुर एनसीआर में किसानों का जबरदस्त आंदोलन

    October 13, 2018
    By पी.एम. जैन

  • राजनीति

    दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज वाद- विवाद, मामला एफआईआर तक पहुँचा

  • Uncategorizedप्रवचन

    धन का सदुपयोग अगली पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए होना चाहिए:- आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

  • देश

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आर्टिकल 370 हटाने के निर्णय पर दिया समर्थन

ताजा खबरे

  • रक्षाबंधन पर्व पर *मेरा मन मेरा विचार*- पी.एम.जैन * ज्योतिष विचारक* एवं पं.राधेश्याम शर्मा *ज्योतिष वाचस्पति* दिल्ली।
  • several Tips for BUSINESS-ON-BUSINESS Checkout
  • How to Choose an Malware For Microsoft windows
  • Avast Password Extension For Opera
  • उचित तिथि में मनाऐं रक्षाबंधन महापर्व-पी.एम.जैन *ज्योतिष विचारक* दिल्ली
  • 🌺पेंशन आदि जैसी सरकारी सुविधाऐं उन्हें लेनी चाहिए जो वास्तविक रूप से परेशान हैं-स्व.श्रीमती सत्यवती जैन🌺
  • रेवाड़ी में ऐतिहासिक रहा भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण महोत्सव
  • भरे पेट और खाली दिमाग वालों का TIME PASS डॉ. निर्मल जैन (जज)
  • Diagnostics and Cataract Surgery
  • How you can Conduct Homework in a Info Room

Find us on Facebook

विज्ञापन

मेन्यू

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

ताजा खबरे

  • रक्षाबंधन पर्व पर *मेरा मन मेरा विचार*- पी.एम.जैन * ज्योतिष विचारक* एवं पं.राधेश्याम शर्मा *ज्योतिष वाचस्पति* दिल्ली।
  • several Tips for BUSINESS-ON-BUSINESS Checkout
  • How to Choose an Malware For Microsoft windows
  • Avast Password Extension For Opera
  • उचित तिथि में मनाऐं रक्षाबंधन महापर्व-पी.एम.जैन *ज्योतिष विचारक* दिल्ली
  • 🌺पेंशन आदि जैसी सरकारी सुविधाऐं उन्हें लेनी चाहिए जो वास्तविक रूप से परेशान हैं-स्व.श्रीमती सत्यवती जैन🌺
  • रेवाड़ी में ऐतिहासिक रहा भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण महोत्सव
  • भरे पेट और खाली दिमाग वालों का TIME PASS डॉ. निर्मल जैन (जज)
  • Home
  • Contact Us