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Home›Uncategorized›धन का सदुपयोग अगली पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए होना चाहिए:- आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

धन का सदुपयोग अगली पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए होना चाहिए:- आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

By पी.एम. जैन
February 6, 2020
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इंदौर:- इस संसार में दौलत और संपत्ति का कोई सार नहीं है यह तो क्षणभंगुर तत्व है इससे जिनालय के निर्माण का जो संकल्प आपने लिया है वह उत्तम है अगली पीढ़ी भी इन सब से संस्कारित हो तो इससे जन जन का कल्याण हो जाएगा।
आज यह बात आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने छावनी मंदिर की धर्म सभा में सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए कही।
आपने कहा कि
 अगला युग अपने आप को पहचाने और अपने संपर्क में आने वालों के साथ आत्मीयता एवं मित्रता पूर्ण  व्यवहार करें ताकि स्वार्थ, घमंड, ईर्ष्या आदि भाव हमसे दूर हो और केवल एक मात्र आत्मीयता का भाव रहे।
सभी के साथ सदैव आत्मीयता पूर्वक रहे, उदारता के साथ स्वागत करें, गले लगाएं और बिछड़े हुए मित्र की भांति हर व्यक्ति के साथ व्यवहार हो।
इंदौर की गलियों के घुमावदार और एक जगह से दूसरी जगह आसानी से न पहुंच पाने की उलझन को बताते हुए आचार्य श्री ने कहा कि अब हमें कहां जाना है हम यह नहीं बता सकते क्योंकि हम अकेले नहीं जा सकते इतनी गलियां हैं कि हमें किसी ना किसी से पूछना ही पड़ता है।
इंदौर महानगर है और हमें बताया गया है कि अभी तो शहर का एक छोटा सा हिस्सा ही हमने देखा है अभी तो बहुत सारे मंदिरों में श्री जी के दर्शन करने हमें जाना है।
आचार्य श्री ने कहा कि छावनी नाम से ऐसा लगता है जैसे हम सेना जहाँ रहती है वहां आ गए हो।
यह भी संभव है कि यहां के सारे लोग ऐसे व्यक्तियों की रक्षा के लिए कटिबद्ध  हो, जिनको किसी प्रकार का अभाव हो या आवश्यकता हो। यह भी अपने आप में बहुत आदर सूचक बात है।
प्रतिष्ठित प्रतिमाएं, छावनी की रक्षा करेगी अथवा छावनी के द्वारा इनकी रक्षा होगी यह सोचने वाली बात है।
 जब तक यह जनता रहे अथवा जहां जहां देश की सेना रहे उन सभी की रक्षा इन प्रतिमाओं के प्रभाव से हो तो यह गर्व की बात होगी।
सभा का संचालन ब्रह्मचारी सुनील भैया जी ने किया।
समाज के संजीव जैन संजीवनी ने बताया कि आज आचार्य श्री ससंघ की आहार चर्या छावनी मंदिर से ही हुई और आचार्य श्री का आहार का सौभाग्य समाज श्रेष्ठी श्री प्रकाश चंद्र जैन शास्त्री परिवार  को प्राप्त हुआ।
इसके बाद आचार्य श्री ससंघ का विहार हुआ।👇
संजीव जैन संजीवनी
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